नीतीश कुमार पर रोहिणी आचार्य ने किया पलटवार,चाचा जी का ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है इसलिए चीखने-चिल्लाने से परहेज करें..

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार दोपहर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को ‘बच्चा ‘कह दिया था। सीएम के इस बयान के बाद अब अब बिहार में सियासत गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोल रहे हैं। आज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर सीएम नीतीश कुमार की तीखी आलोचना की। राजद नेत्री ने लिखा कि चाचा जी (सीएम नीतीश कुमार) सच में आपकी उम्र के मुकाबले तेजस्वी बच्चा है। लेकिन, तेजस्वी की जानकारी की फेरहिस्त ( लिस्ट ) बहुत लम्बी है। अपनी तमाम जानकारियों की चर्चा अगर उसने कर दी तो आप (सीएम नीतीश कुमार) बगले झांकने लगेंगे।रोहिणी ने आगे लिखा कि चाचा जी, निःसंदेह तेजस्वी आपके सामने बच्चा है, पर बहुत कुछ जानता है। यह भी भली-भांति जानता है कि हत्या के मामले में अभियुक्त कौन था व थीसिस चोरी के मामले में न्यायालय द्वारा किसे दोषी ठहराया गया था। तेजस्वी यहभी जानता है कि किसने अपने डीएनए में खोट बताने वालों के साथ कुर्सी लोभ में समझौता कर लिया? किसने न्योता दे कर किसकी थाली खींच ली थी? किसने “मर जाऊंगा मगर उनके (NDA) साथ नहीं जाऊंगा” कह कर भी कई दफा उनके (पीएम नरेंद्र मोदी) ही पैर छूए, जिनके साथ नहीं जाने की बात कही थी।राजद नेत्री ने आगे लिखा कि चाचा जी, तेजस्वी आपके बच्चे के समान ही है। लेकिन, यह भी जानता है कि किसके शासनकाल में, किसके संरक्षण में देश का सबसे बड़ा ट्रेजरी घोटाला ‘सृजन घोटाला’ हुआ। कौन ‘मुज़फ्फरपुर महापाप’ के मुख्य-आरोपी के यहां दावत पर गया।

रोहिणी के इस बयान से पहले तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि 2005 के बाद वाली सरकार में एक बरसात में कई पुल गिर गए। बालिका गृह और सृजन घोटला को 2005 के बाद ही हुआ। इतना ही नहीं 1400 लीटर शराब चूहा पी जाता है। तेजस्वी ने और भी कई आरोप लगाए थे। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने उनकी बातों का जवाब दिया।रोहिणी आचार्या ने सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी जब भी चाचा जी को उनके शासनकाल के वीभत्स चेहरे को देखने-दिखाने के लिए आईना दिखाता है, तो तिलमिलाहट में चाचा जी चीखने-चिल्लाने लगते हैं, उसे (तेजस्वी को) बच्चा बताने लगते हैं, चाचा जी का ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है, चाचा जी के पास तर्कों-तथ्यों का टोंटा पड़ जाता है। चाचा जी को चीखते-चिल्लाते देख बड़ी चिंता होती है, उम्र के इस पड़ाव पर आंखें तरेर चीखना-चिल्लाना सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। मगर यह समझने को खुद को समझदार कहने – बताने वाले चाचा जी तैयार ही नहीं हैं।