तेजस्वी ने गिनवाई अपने पिता की उपलब्धियां,बोले-2005 से पहले क्या क्या नहीं था?

तेजस्वी यादव ने कहा कि आज बीपीएससी पेपरलीक हो रहा है। बीपीएससी में गड़बड़ी लगातार हो रहा है। कोई युवाओं की सुन नहीं रहा है। तेजस्वी यादव ने फिर से तंज कसते हुए कहा कि नीतीश कुमार सदन में नहीं हैं लेकिन उनके लिए एक पंक्ति मैं सदन में कहना चाहूंगा। तेजस्वी ने कहा कि सबकुछ जाए भाड़ में, हम लगे रहे कुर्सी के जुगाड़ में। नीतीश कुमार जी लोग 20 साल का हिसाब मांग रहे हैं। आप बताइए 2005 दाखिल खारिज में कितना घूस मांगा जाता था। आप बताइए 2005 से पहले कोई सीएम, पीएम को पैर छूता था। कोई सीएम सेंट्रल यूनिवर्सिटी मांगता था तो नहीं मिलता था क्या?

अब तक पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा नहीं मिला। 2005 से पहले उल्टी किताब पढ़ने वाला मुख्यमंत्री नहीं था। 2005 से पहले अपनी उपलब्धि को छिपाने वाला मुख्यमंत्री नहीं था। 2005 से पहले अफसरशाही नहीं था। जनता का सम्मान होता था। तेजस्वी यादव ने कहा 2005 के बाद वाली सरकार में एक बरसात में कई पुल गिर गए। बालिका गृह और सृजन घोटला को 2005 के बाद ही हुआ। इतना ही नहीं 1400 लीटर शराब चूहा पी जाता है। तेजस्वी यादव ने तंज कसते हुए कहा कि “बिहार में चूहों की बहार है, क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीशे कुमार है।” उन्होंने कहा कि देश में सबसे कम साक्षरता दर बिहार में है। किसान की सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति बिहार में है। बिजली का बिल सबसे ज्यादा बिहार में है। गुणवत्ता शिक्षा में सबसे ज्यादा हाल खराब बिहार की है। अगर हमारे कार्यकाल में ढाई लाख शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती तो बिहार सबसे कम शिक्षकों वाला राज्य बिहार होता। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद के कार्यकाल की याद दिलाई। उनकी उपलब्धियां गिनाई। कहा कि गरीबों को लालू जी ने न्याय दिलाया। खटिया पर बैठाया। सामाजिक न्याय किया। लालू जी की तुलना किसी से करना गलत है। उस समय वह संयुक्त बिहार के मुख्यमंत्री थी। अब तो लालू जी को गाली दे-देकर पद पा रहे हैं। यह भी लालू जी की उपलब्धि है। सम्राट चौधरी कहते हैं कि लालू जी पर अटैक करो। नई पीढ़ी ने लालू राज को देखा नहीं। इस पर फिर से भाजपा और राजद नेता हंगामा करने लगे।