अपने हीं सरकार के खिलाफ मंत्री अनिल विज का बड़ा बयान आया सामने,कहा-आंदोलन भी करना पड़ा तो करूंगा..

हरियाणा में एक बार फिर अनिल विज अपनी ही सरकार के खिलाफ हो गए हैं. हरियाणा की बीजेपी सरकार में परिवहन और ऊर्जा मंत्री अनिल विज अपनी ही सरकार का विरोध करते नजर आए.बीजेपी नेता अनिल विज ने अपने द्वारा पारित आदेश और अपने विधानसभा क्षेत्र में आदेश के बावजूद काम ना होने की दलील देते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई. इससे पहले पूर्व की सरकार में मनोहर लाल खट्टर के सीएम पद पर रहते हुए भी अनिल विज का मुख्यमंत्री के साथ टकराव हुआ था.अनिल विज ने पार्टी से जताई नाराजगीहरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने अपनी ही सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा, ग्रीवेंसिस कमेटी की मीटिंग में शायद अब नहीं जाऊंगा क्योंकि मेरे आदेशों का पालन नहीं होता.

साथ ही उन्होंने कहा, अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र के कामों के लिए आंदोलन भी करना पड़ा तो करूंगा.बीजेपी नेता ने कहा, अंबाला की जनता के कामों के लिए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तर्ज पर आमरण अनशन भी करना पड़ा तो करूंगा. अंबाला कैंट की जनता के लिए लगाए जाने वाले जनता दरबार भी बंद किए.सूत्रों के मुताबिक ग्रीवेंसिस कमेटी की बैठकों और जनता दरबारों के दौरान अपने द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को दिए गए आदेशों का अनुपालन ना होने से बेहद अनिल विज बेहद नाराज हैं और उन्होंने अपनी नाराजगी को जाहिर करते हुए आंदोलन तक करने की बात कर दी है. इससे पहले अनिल विज का मनोहर लाल खट्टर के साथ टकराव नजर आया था. इसी के साथ 13 मार्च 2024 में नायब सिंह सैनी के साथ शपथ लेने भी अनिल विज नहीं पहुंचे थे.अनिल विज हरियाणा की राजनीति का बड़ा नाम है. उन्होंने 1996 और 2000 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और उन्होंने जीत हासिल की थी, लेकिन साल 2005 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.इसके बाद साल 2009 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर अंबाला कैंट से चुनाव लड़ा था और इस चुनाव में वो सफल रहे थे और उन्होंने जीत हासिल की थी. फिर उन्होंने साल 2014 और 2019 के चुनावों में भी जीत का सिलसिला कायम रखा था.2019 में वो मनोहर लाल खट्टर सरकार में गृह मंत्री बने. इसके साथ ही उनके पास स्वास्थ्य विभाग भी रहा था. साल 2024 में हुए चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की. साल 2014 में जब हरियाणा में पहली बार बीजेपी पूर्ण बहुमत में आई तो अनिल विज का नाम सीएम की रेस में शामिल था, उनका नाम सबसे आगे था, लेकिन मनोहर लाल खट्टर को विधायक दल का नेता चुन लिया गया था.