भारत में निवेश करने के लिए तैयार हुई दुनिया की कई बड़ी कंपनियां,16 लाख से अधिक लोगों को मिलेगी नौकरियां

 भारत में निवेश करने के लिए तैयार हुई दुनिया की कई बड़ी कंपनियां,16 लाख से अधिक लोगों को मिलेगी नौकरियां
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विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक शुक्रवार को अनिश्चितता के इस दौर में साथ मिलकर काम करने के आह्वान के साथ समाप्त हुई। पांच दिवसीय इस बैठक में हिस्सा लेने वाले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बैठक में भारत का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। दुनिया की शीर्ष कंपनियों ने भारत में निवेश करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। निवेश की राशि करीब 20 लाख करोड़ रुपये है। डब्लूईएउफ की अगली वार्षिक बैठक 19-23 जनवरी, 2026 को दावोस में होगी। बता दें कि बैठक में इस बार भारत ने दो पैवेलियन बनाए थे। इसमें भारत के 100 से अधिक सीईओ और अन्य शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया।वैष्णव ने कहा, दावोस में हमने अपने वैश्विक भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक परिदृश्य की संभावनाओं को पेश शानदार तरीके से पेश किया। दुनिया के सामने आने वाले सभी व्यवधानों और सभी मुद्दों के बावजूद, भारत एक बहुत ही भरोसेमंद देश के रूप में उभरा है।

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उन्होंने कहा, हमने दुनिया को स्पष्ट रूप से दिखाया है कि सभी परिस्थितियों में भारत वह देश है जो शांति, सभी के लिए विकास में विश्वास करता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल ने 15.70 लाख करोड़ रुपये के 61 निवेश समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। इसमें 16 लाख नौकरियां पैदा करने की क्षमता है।उत्तर प्रदेश ने 1 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में बदलने के अपने महत्वाकांक्षी नजरिये का प्रदर्शन किया और कई हजार करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता हासिल की। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि वैश्विक पेय पदार्थ दिग्गज एबी इनबेव ने विभिन्न राज्यों में भारत के पेय पदार्थ क्षेत्र में 25 करोड़ डॉलर के निवेश की घोषणा की है। भारत में हिंदुस्तान यूनिलीवर के रूप में काम करने वाली वैश्विक फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) कंपनी यूनिलीवर ने तेलंगाना में दो नई विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने की घोषणा की। कई अन्य वैश्विक कंपनियों ने भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी की संभावनाएं तलाशीं।विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक में 130 देशों से राजनीति, व्यापार, शिक्षा, नागरिक समाज और अन्य क्षेत्रों से 3,000 से अधिक वैश्विक नेताओं ने भाग लिया। इस बैठक में 500 से अधिक सत्रों में चर्चा हुई। इसमें राजनीति, अर्थव्यवस्था, जलवायु और युद्ध सहित कई अन्य मुद्दों पर पांच दिनों तक गहन चर्चा हुई।

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