यूपी में इतना मजबूत है BJP का किला,पूरी महागठबंधन एकता भी नहीं हिला पाएगी एक भी ईंट

 यूपी में इतना मजबूत है BJP का किला,पूरी महागठबंधन एकता भी नहीं हिला पाएगी एक भी ईंट
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यूपी में विपक्षी एकता का असर बीजेपी के रंग में भंग करता नहीं दिख रहा है. विपक्षी एकता के नाम पर संभावित पार्टियों का मत प्रतिशत बीजेपी का लगभग आधा है. इसलिए पीएम मोदी को हराने की संभावना यूपी के 80 लोकसभा सीटों पर नहीं के बराबर दिखाई पड़ती है. समाजवादी पार्टी यूपी में विपक्षी एकता कायम करने वाली पार्टियों की प्रमुख घटक दल है. इसके नेता अखिलेश यादव पटना में होने वाली मीटिंग में शामिल होने पहुंचे थे.मीटिंग में शामिल होने वाले दलों के लिहाज से देखा जाय तो यूपी में समाजवादी पार्टी के अलावा कांग्रेस और आरएलडी के गठबंधन की संभावना जताई जा रही है.JP Nadda Narendra Modi Amit Shah वैसे आरएलडी नेता जयंत चौधरी पटना में होने वाली विपक्षी एकता की मीटिंग से 23 जून को अनुपस्थित रहे थे. जयंत चौधरी ने नहीं आने की वजह निजी बताया था. वही दुसरी तरफ बता दें कि इधर पटना की बैठक के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी की मिली स्वीकार्यता ने राजनीति को दिलचस्प बना दिया. कांग्रेस लोकसभा ही नहीं बल्कि राज्यों में प्रतिद्वंदी दलों को नेस्तनाबूद करने के लिए विपक्षी एकता का आह्वान करेगी. 25 जून को तेलंगाना की बीआरएस के खिलाफ कांग्रेस ने दिल्ली से एक बड़ा झटका दिया. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में बीआरएस के कई बड़े नेताओं ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर दी.लेकिन असल गेम की शुरुआत अब हो रही. कांग्रेस लोकसभा चुनाव तक मोमेंटम बनाए रखने के लिए विपक्षी एकता में शामिल दलों से व्यक्तिगत रिश्तों का त्याग कर एक साथ लड़ने के लिए कहेगी.कर्नाटक की जीत के बाद कांग्रेस को दक्षिण भारत से उम्मीदें बढ़ गई हैं. जिस तरह राजस्थान की सियासी लड़ाई में कांग्रेस वापस लौटते हुए नजर आ रही है. वैसा ही मोमेंटम तेलंगाना में आलाकमान और पार्टी के रणनीतिकार महसूस कर रहे हैं. 2 जुलाई को तेलंगाना के खम्मम में कांग्रेस एक बड़ी रैली करने जा रही है, जहां से राहुल गांधी चुनावी प्रचार का आगाज करेंगे. इसी साल जनवरी में केसीआर ने खम्मम से ही एक बड़ी रैली की थी.

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