अगर थोड़ी सी गलती हुई तो जंगलराज वापस आ जाएगा,अमित शाह का बड़ा हमला
गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्णिया के बनमनखी में चुनावी सभा की। उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार किया। अपने संबोधन के दौरान गृह मंत्री ने महागठबंधन पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य के आधे हिस्से ने पहले ही कांग्रेस-राजद गठबंधन को नकार दिया है। एनडीए बिहार में 160 से अधिक सीटें जीतकर सरकार बनाएगी। मैं सीमांचल में आया है। मैं सीमांचल वालों की बात जानने आया हूं। आप बताओं सीमांचल से घुसपैठियों को बाहर निकालना चाहिए या नहीं निकालना चाहिए। यह अभी-अभी राहुल गांधी और लालू प्रसाद के बेटे तेजस्वी यादव घुसपैठियों बचाव यात्रा लेकर निकले थे। वह चाहते हैं सीमांचल घुसपैठियों का अड्डा बने। घुसपैठिये हमारे गरीबों का हक छीनते हैं।

उन्होंने कहा कि हमलोग न केवल घुसपैठियों को निकालेंगे, बल्कि जमीन अधिग्रहण को भी जमींदोज कर देंगे। गृह मंत्री ने कहा कि भक्त प्रह्लाद और महर्षि मेंही की भूमि को मैं प्रमाण करता हूं। बिहार के पहले दलित मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री को मैं प्रमाण करता हूं। इस चुनाव में दो खेमे लगे हैं। एक ओर बिखरा हुआ ठगबंधन और दूसरे ओर पांच पांडवों वाला एनडीए है। आधे बिहार ने वोट डाल दिए हैं। पहले चरण में लालू-राहुल की पार्टी का सूफड़ा साफ हो गया। बिहार में एनडीए सरकार बनने वाली है। मोदी-नीतीश के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़कर एक विकसित राज्य बनने जा रहा है। अगले पांच साल में सीमांचल में एक-एक अवैध गतिविधि को भाजपा और एनडीए की सरकार उखाड़ फेकेंगी। हमारी मतदाता सूची से घुसपैठिये निकालने चाहिए या नहीं निकालने चाहिए। यह राहुल गांधी और लालू प्रसाद घुसपैठियों को बचाना चाहते हैं। लेकिन, आप दोनों कान खोलकर सुन लें कि हमलोगों उन्हें सीमांचल की धरती से निकाल कर उनके देश भेज कर रहेंगे।अमित शाह ने कहा कि थोड़ी सी गलती हुई तो जंगलराज वापस आ जाएगा। अमित शाह ने कहा कि दिनदहाड़े यहां पर एमएलए की हत्या हुई थी। नीतीश कुमार ने जंगलराज समाप्त कर दिया है। अब यह जंगलराज नए चेहरे के साथ, नए भेष बदलकर वापस आ रहा है। इसलिए कमल छाप पर बटन दबाइए और एनडीए को जिताने का काम कीजिए। गृह मंत्री ने कहा कि लालू की पार्टी शहाबुद्दीन के बेटे को टिकट दिया और शहाबुद्दीन के लिए अमर रहे का नारा लगाया। तेजस्वी यादव कान खोलकर सुन लो अब बिहार की धरती पर शहाबुद्दीन और ओसामा की जगह नहीं रही।
