महिला शिक्षक अभ्यर्थी को धमकाने वाले महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री मांगेंगे माफी?इस मामले को लेकर विपक्षी नेता अब हुए हमलावर

 महिला शिक्षक अभ्यर्थी को धमकाने वाले महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री मांगेंगे माफी?इस मामले को लेकर विपक्षी नेता अब हुए हमलावर
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महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री और शिवसेना नेता दीपक केसरकर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें वह एक महिला शिक्षक अभ्यर्थी को सरेआम धमकी दे रहे हैं. वीडियो में महिला और उनके बीच मे नोक-झोंक होते हुए साफ तौर पर देखा जा सकता है. महिला शिक्षक अभ्यर्थी के सवाल पूछने पर वह आपा खो देते हैं और उसे अयोग्य घोषित करने की धमकी देते हैं. इसे लेकर केसरकर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं.एनसीपी (शरद पवार) गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और दोनों उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को टैग करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “वीडियो को देखने के बाद आश्चर्य होता है, वास्तव में इन मंत्रियों को हुआ क्या है?”

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एक वरिष्ठ मंत्री इन दिनों सार्वजनिक सभाओं में जनता को धमकाते नजर आ रहे हैं. उनका यह रवैया क्या मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को मान्य है? अथवा तीनों की सहमति है.” सुप्रिया सुले ने ये भी मांग की है कि दीपक केसरकर को शिक्षिका से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए.दरअसल, ये पूरी घटना बीते रविवार की है. शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर अभ्यर्थियों से मिलने महाराष्ट्र के बीड के कपिलधर पहुंचे हुए थे. इसी दौरान जब एक महिला शिक्षक अभ्यर्थी ने केसरकर से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में काफी देरी के बारे में सवाल किया तो शुरुआत में केसरकर ने शांतिपूर्ण तरीके जवाब देते हुए ये कहा कि शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है और पोर्टल काम कर रहा है.केसरकर तब अपना आपा खो बैठे जब महिला ने दावों को चुनौती देते हुए अपना सवाल जारी रखा. इस पर केसरकर आग बबूला हो गए और कहा कि वो सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य घोषित कर दी जाएगी.वीडियो के वायरल होने के बाद शिक्षा मंत्री ने सफाई दी है. उन्होंने कहा, “मैं बीड जिले में एक सरकारी पूजा में शामिल होने गया था. उसी वक़्त एक महिला शिक्षका ने मुझसे कुछ सवाल किया. मैंने किसी का अपमान नहीं किया है. मैंने बीते एक साल में शिक्षकों की कई समस्याओं का समाधान किया है. सुप्रिया सुले ने मेरी आलोचना की है. उन्हें पहले पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस देखनी चाहिए.” केसरकर ने आगे कहा कि शिक्षकों को अनुशासित रहना चाहिए. वो महिला अभी शिक्षिका बनी नहीं है. जो अनुशासन का पालन नहीं करेगा हम उसे अयोग्य ठहरा सकते हैं।

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