दूसरी बार जम्मू-कश्मीर की बागडोर संभालने वाले आखिर कौन हैं उमर अब्दुल्ला?

नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। 54 साल के अब्दुल्ला ने दूसरी बार जम्मू-कश्मीर की कमान संभाली। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस पार्टी ने 95 में से 42 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस की सहयोगी पार्टी कांग्रेस भी छह सीटों पर जीती। गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। ऐसे में उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया। इससे पहले साल 2009 में कांग्रेस-नेकां गठबंधन में भी उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे थे। मंगलवार को उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उमर समेत छह विधायकों ने शपथ ली है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक सुरिंदर चौधरी, सतीश शर्मा, जावेद अहमद डार, सकीना इटू, जावेद राणा ने मंत्री पद की शपथ ली है। सुरिंदर चौधरी डिप्टी सीएम होंगे।10 मार्च 1970 को उमर अब्दुल्ला का जन्म फारुख अब्दुल्ला और दादा शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के घर हुआ था। उमर की शुरुआती पढ़ाई श्रीनगर के बर्न हॉल स्कूल में हुई। इसके बाद हिमाचल प्रदेश के सनावर के लॉरेंस स्कूल में पढ़ाई की। उमर ने मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।ग्रेजुएशन के दिनों में उमर अब्दुल्ला, एनसीपी नेता शरद पवार के घर रहते थे। ग्रेजुएशन के बाद उमर ने स्कॉटलैंड के स्ट्रैथक्लाइड विश्वविद्यालय से व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।

राजनीतिक परिवार से संबंध होने की वजह से उमर का बचपन से ही राजनीति के प्रति झुकाव रहा था। उमर अब्दुल्ला ने 1998 में, 28 वर्ष की आयु में पहली बार लाल चौक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। 12वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया।1998-99 में वे परिवहन और पर्यटन समिति और पर्यटन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति दोनों के सदस्य थे। 1999 में, वे 13वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए (संसद सदस्य के रूप में दूसरा कार्यकाल)। जिसमें उन्हें वाजपेयी सरकार द्वारा केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री बनाया गया। 2001 में उन्हें केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री बनाया गया और वे सबसे कम उम्र के केंद्रीय मंत्री थे। 1998 से 2009 के बीच वह श्रीनगर लोकसभा सीट से सांसद भी रहे।उमर अब्दुल्ला 38 साल की उम्र में 2009 में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। वह जम्मू-कश्मीर राज्य के 11वें और सबसे युवा मुख्यमंत्री बने थे।उनका कार्यकाल राजनीतिक आंदोलन और सुरक्षा मुद्दे जैसी कई चुनौतियों से भरा था।वर्तमान में उमर अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष है।2024 में बारामूला संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।2024 के विधानसभा चुनावों में गांदरबल और बडगाम से चुनाव लड़ा और दोनों सीटों पर जीत हासिल की।