राजस्थान के पूर्व सीएम गहलोत केबयान पर पलटवार उपराष्ट्रपति का पलटवार,मुझे लेकर चिंता मुक्त हो जाएं

 राजस्थान के पूर्व सीएम गहलोत केबयान पर पलटवार उपराष्ट्रपति का पलटवार,मुझे लेकर चिंता मुक्त हो जाएं
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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से राज्यपाल, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष पर दबाव में काम करने को लेकर लगाए गए आरोप पर अब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने पलटवार किया है. उपराष्ट्रपति धनकड़ ने कहा कि अगर राज्य की सरकार केंद्र सरकार के अनुरूप नहीं है तो आरोप लगते हैं. कई बार दबाव में काम करने के भी आरोप लगते हैं, लेकिन वो किसी के दबाव में नहीं हैं.जगदीप धनखड़ ने कांस्टीट्यूशन क्लब में पूर्व विधायक संघ की ओर से आयोजित सम्मेलन में कहा कि ‘राजस्थान के एक कद्दावर नेता जो मेरे मित्र भी हैं, उनकी बात पर ‘मैं कह रहा हूं कि मैं किसी के दबाव में नहीं आता हूं. न किसी पर दबाव डालता हूं और न किसी के दबाव में काम करता हूं. जिसने राजस्थान का पानी पिया है वो दबाव में कैसे आ सकता है?’उन्होंने कहा कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी किसी के दबाव में नहीं आ सकते हैं. आज राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति को भी इस दायरे में लाया जा रहा है कि वो दबाव में काम करते हैं. यह बात गलत है और चिंता और दर्शन का विषय है. उन्होंने सार्वजनिक मंच से दबाव की बात कही है, इसलिए इसका जवाब भी सार्वजनिक रूप से दिया जा रहा है कि ‘वो (अशोक गहलोत) मुझे लेकर चिंता मुक्त हो जाएं. मैं किसी के दबाव में आना वाला नहीं हूं’उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रतिपक्ष का लोकतंत्र में बड़ा योगदान है. प्रजातंत्र में इसकी आवश्यकता है. अभिव्यक्ति भी प्रजातंत्र की जान है, लेकिन अभिव्यक्ति कुंठित होती है. उस पर कोई प्रभाव डाला जाता है. कभी अभिव्यक्ति इस स्तर पर पहुंच जाती है कि दूसरे के मत का कोई मतलब नहीं हो तो अभिव्यक्ति अपना अस्तित्व खो देती है. अभिव्यक्ति को सार्थक करने के लिए वाद विवाद जरूरी है।उन्होंने कहा कि आज का राजनीतिक वातावरण और तापमान प्रजातंत्र के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है. हजारों साल की हमारी संस्कृति से मेल भी नहीं खाता है. राजनीति में आप अलग-अलग दल के हो सकते हो, इसमें बदलाव होता रहता है. कभी सत्ता पक्ष विपक्ष में तो कभी विपक्ष पक्ष में होता है, इसका मतलब यह नहीं है कि दुश्मनी हो जाए. दुश्मन तो सीमा पार हो सकते हैं. देश में हमारा कोई दुश्मन नहीं हो सकता है. हमारे पास 5000 साल की संस्कृति है, जो बेजोड़ और बेमिसाल है।पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर कहा कि आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी, नेता शामिल हुए थे. ये सबने देखा है. इसके बाद हमारी सेना ने पराक्रम दिखाया है. ब्रह्मोस मिसाइल ने आतंकियों के ठिकाने नष्ट किए, लेकिन किसी आम आदमी को निशाना नहीं बनाया. यह भी पूरी दुनिया ने देखा है. हमने चाणक्य नीति का उपयोग किया है. चाणक्य कहते हैं कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है और विचार से ही बदलाव हो सकता है. हमने उसका पालन किया.

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इजरायल, हमास, यूक्रेन-रूस के बीच जंग चल रही है. पूरी दुनिया चिंतित है. अर्थव्यवस्था पर इसका फर्क पड़ रहा है।उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार ने जिस तरह से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों के नेताओं को दुनिया के कोने-कोने में भेजा और अपनी कूटनीति का परिचय दिया कि हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं है. जब देश की बात आएगी तो सभी एकजुट होकर खड़े रहेंगे. आज हम दुनिया की चार बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक हैं. कुछ समय और इंतजार करना पड़ेगा उसके बाद जापान, जर्मनी, यूके, कनाडा, ब्राजील से भी हम आगे हो जाएंगे. विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है और निश्चित तौर पर 2047 तक हम विकसित देश बन जाएंगे।

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