1 अक्टूबर से फिर शुरू होगी मूसलाधार बारिश,आज से मौसम रहेगा समान्य

 1 अक्टूबर से फिर शुरू होगी मूसलाधार बारिश,आज से मौसम रहेगा समान्य
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राजधानी पटना समेत गया, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्णिया और कटिहार समेत करीब करीब सभी जिलों में तीन झमाझम बारिश हुई। इस बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल गए, वहीं लोगों को गर्मी और उमस से भी राहत मिल गई। अब अगले तीन दिन वो धूप में उन कपड़ों को सुखा सकते हैं, जो बारिश के चलते घर के अंदर धो कर टांग दिए गए थे। यानी मौसम विभाग के पूर्वानुमान के हिसाब से अगले तीन बिहार में बारिश तो होगी लेकिन काफी हल्की फुल्की। वहीं कुछ जिले सूखे भी रह सकते हैं, जिनमें उत्तर बिहार का हिस्सा शामिल है।पटना मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक मॉनसून की द्रोणी रेखा बिहार, पश्चिम बंगाल होकर पश्चिम असम तक गुजर रही है। अगले 24 घंटों के दौरान बिहार के उत्तर पश्चिम, दक्षिण पश्चिम और दक्षिण मध्य भागों के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। वहीं 28 और 29 सितंबर को सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, पूर्णिया, सहरसा, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा सुपौल और अररिया में मौसम शुष्क रहेगा। राजधानी पटना की बात करें तो यहां के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना 30 सितंबर तक बनी रहेगी।

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वहीं पटना, गया, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद और अरवल में 1 अक्टूबर से बारिश फिर से जोर पकड़ सकती है। देखिए मौसम विभाग का वो पूर्वानुमान…भारत में 17 सितंबर की सामान्य तिथि से आठ दिन बाद सोमवार से मानसून की वापसी शुरू हो गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। आईएमडी ने एक बयान में कहा, ‘दक्षिण पश्चिम मानसून आज दक्षिण पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों से लौटना शुरू हो गया। दक्षिण पश्चिम राजस्थान से इसके लौटने की सामान्य तिथि 17 सितंबर थी।’ इस साल मानसून की वापसी में देरी के साथ यह लगातार 13वीं बार है जब मानसून देरी से लौट रहा है। उत्तर पश्चिम भारत से मानसून की वापसी भारतीय उपमहाद्वीप से इसकी वापसी की शुरुआत का प्रतीक है। मानसून की वापसी में किसी भी प्रकार की देरी का मतलब लंबे समय तक बारिश का मौसम बना रहना है जिसका कृषि उत्पादन पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर उत्तर पश्चिम भारत में जहां रबी फसल उत्पादन में वर्षा की अहम भूमिका होती है। आम तौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में एक जून को आता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आस पास उत्तर पश्चिम भारत से लौटने लगता है और 15 अक्टूबर तक पूरे देश से चला जाता है।

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