पीटीसी परीक्षा पास सिपाही भी करेंगे केसों का अनुसंधान,नीतीश कैबिनेट की बैठक में हुआ बड़ा ऐलान

 पीटीसी परीक्षा पास सिपाही भी करेंगे केसों का अनुसंधान,नीतीश कैबिनेट की बैठक में हुआ बड़ा ऐलान
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बिहार की नीतीश कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है.इस बैठक में 11 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है.बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कई अन्य मंत्री शामिल हुए है।इसके साथ ही नीतीश कैबिनेट ने कुल मिलाकर 11 प्रस्तावों पर मुहर लगाई है.वही आपकों बता दें कि नीतीश कैबिनेट के पहले प्रस्ताव में बिहार पुलिस के पीटीसी प्रशिक्षण उत्तीर्ण सिपाही रैंक क् पुलिस अधिकारियों को अन्य राज्य की तर्ज पर अनुसंधान की शक्ति दी गई है.वहीं दूसरे प्रस्ताव में बिहार के मुजफ्फरपुर और भागलपुर में डीएनए टेस्ट की सुविधा शुरू की जाएगी .Screenshot 2023 04 18 14 27 47 41 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12इसके लिए प्रदेश में डीएनए प्रशाखा की एक-एक यूनिट की स्थापना और उसके लिए 14 पदों के सृजन की मंजूरी दी गई है.वहीं तीसरे प्रस्ताव में मुधबनी के पूर्व सब जज सह एसीजीएम अशोक कुमार-2 को गंभीर कदाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.वही चौथे प्रस्ताव में बिहार सरकार ने मोटरयान अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को मजूरी दी है। वहीं सरकार ने भामाशाह की जयंती राजकीय समरोह के तौर पर हर साल 29 अप्रैल को मानने का फैसला लिया है। जबकि कैबिनेट ने दरभंगा एम्स से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए तीन अरब से ज्यादा की राशि खर्च के लिए प्रशासनिक स्वीकृति को मंजूरी दे दी है। बिहार सरकार राज्य प्रोटोकॉल संवर्ग के विभिन्न कोटि के 15 पदों के सृजन एवं बिहार प्रोटोकॉल संवर्ग नियमावली, 2023 को स्वीकृति दी है।Screenshot 2023 04 18 14 26 34 06 40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12वही आपको जानकारी देते चले कि कैबिनेट का सबसे अहम फैसले के अनुसार पीटीसी प्रशिक्षित सिपाहियों को भी केस के अनुसंधान का जिम्मा दिया है। कैबिनेट से यह प्रस्ताव पास हो गया है।बिहार पुलिस के पीटीसी प्रशिक्षण उतीर्ण सिपाही रैंक के पुलिस अधिकारियों को अन्य राज्यों की तर्ज पर अनुसंधान की शक्ति दी गई है। इसके लिए बिहार पुलिस हस्तक 1978 में संशोधन किए गए हैं। कैबिनेट मीटिंग के बाद अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि रिजर्वेशन में आरक्षण का मामला कोर्ट में लंबित है। इस वजह से प्रमोशन की कार्यवाही बाधित है। प्रमोशन रूके होने की वजह से जांच अधिकारी की कमी है। ऐसे में सरकार ने निर्णय लिया है सिपाही प्रमोशन के कगार पर हैं, पीटीसी परीक्षा केस के अनुसंधान का जिम्मा दिया जाए। अन्य राज्यों में भी यही व्यवस्था लागू है।

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