हनुमान जयंती के दिन आज पढ़ें हनुमान चालीसा और मंत्र,बन जाएंगे बिगड़े हुए काम

 हनुमान जयंती के दिन आज पढ़ें हनुमान चालीसा और मंत्र,बन जाएंगे बिगड़े हुए काम
Sharing Is Caring:

आज चैत्र पूर्णिमा व्रत, स्नान, दान, हनुमान जयंती और शनिवार व्रत है. आज चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि, हस्त नक्षत्र, व्याघात योग, विष्टि करण, पूर्व का दिशाशूल और कन्या राशि में चंद्रमा है. सुबह से शाम तक पाताल की भद्रा है. आज चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. पितरों के लिए तर्पण, दान करते हैं, इससे पितृ दोष मिटता है. चैत्र पूर्णिमा की शाम माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करते हैं. दिन में सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा सुनते हैं. चैत्र पूर्णिमा को ही हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए आज हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. हनुमान जी के मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना हो रही है. आज हनुमान चालीसा का पाठ, हनुमान मंत्रों का जाप करने से लाभ मिलता है. बजरंगबली को पान का बीड़ा, लड्डू, इमरती, नारियल आदि का भोग लगाते हैं. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आप सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।आज शनिवार व्रत भी है. आज हनुमान जी की पूजा करने से कुंडली का शनि और मंगल दोष मिटता है. जो लोग शनिवार का व्रत रखते हैं, वे शनि देव के साथ हनुमान जी की पूजा करें. उनको साढ़ेसाती और ढैय्या के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलेगी. आज शनि देव को शमी के फूल, काला तिल, सरसों के तेल, गुलाब जामुन आदि अर्पित करें. शनिवार व्रत कथा सुनें. उनकी कृपा से आपके कष्ट मिटेंगे और कार्य सफल होंगे. आपको गरीब, बीमार और असहाय लोगों की मदद करनी चाहिए. शनिवार को काला कंबल, नीले कपड़े, शनि चालीसा, लोहा, जूते, चप्पल आदि का दान करना चाहिए. आप हमेशा अपने नौकरों और अधीनस्थ लोगों के साथ अच्छा बर्ताव करें. आपसे शनि देव प्रसन्न रहेंगे. आज के पंचांग से जानते हैं चैत्र पूर्णिमा और हनुमान जयंती के मुहूर्त, सूर्योदय, चंद्रोदय, भद्रा, राहुकाल, दिशाशूल, चौघड़िया आदि।

1000506259

हनुमान जयंती पर इन मंत्रों के साथ करें पूजन:

ॐ श्री हनुमते नमः॥
ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्।
ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा।
ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।

हनुमान चालीसा और दोहा:

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।

महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुण्डल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै। काँधे मूँज जनेऊ साजै।शंकर सुवन केसरीनंदन। तेज प्रताप महा जग वन्दन।।

विद्यावान गुणी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।।प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। विकट रूप धरि लंक जरावा।।भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचंद्र के काज संवारे।।

लाय सजीवन लखन जियाये। श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा। नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना। लंकेश्वर भये सब जग जाना।।जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।सब सुख लहै तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डरना।।

आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै।।भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा।।संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम तपस्वी राजा। तिनके काज सकल तुम साजा।और मनोरथ जो कोई लावै।सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा।।साधु-संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस वर दीन जानकी माता।।राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा।।

तुम्हरे भजन राम को भावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।।अन्त काल रघुबर पुर जाई। जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई।।संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जय जय जय हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहिं बंदि महा सुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा।।तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।

दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।

Comments
Sharing Is Caring:

Related post