नीतीश कुमार ने आज बुलाई JDU विधायकों की बैठक,विधायकों से बातचीत के बाद सौंप सकते हैं इस्तीफा

बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने यहां राजभवन में आयोजित एक चाय कार्यक्रम से लौटने के बाद शुक्रवार शाम अपने आवास पर अपने भरोसेमंद मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक की. मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने आवास पर जदयू के सभी विधायकों के साथ भी बैठक बुलाई है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि नीतीश कुमार जल्द ही अपनी पिछली सहयोगी बीजेपी (BJP) के समर्थन से सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. सूत्रों ने कहा कि बीजेपी को नीतीश कुमार का समर्थन करने के लिए दो डिप्टी सीएम पद मिलेंगे, जैसा कि 2020 के विधानसभा चुनावों के बाद किया गया था. सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के साथ सरकार बनाने की रणनीति बना रहे हैं. शुक्रवार शाम बैठक के दौरान सीएम आवास पर विजय कुमार चौधरी, ललन सिंह, अशोक चौधरी, बिजेंद्र गुप्ता और संजय झा जैसे नीतीश कुमार के भरोसेमंद नेता मौजूद थे.जदयू के सभी विधायकों को पटना पहुंचने को कहाइस बीच, सीएमओ ने जदयू के सभी विधायकों को शुक्रवार रात तक पटना पहुंचने को कहा है. उम्मीद है कि नीतीश कुमार उनके सामने अपने इस्तीफे की घोषणा करेंगे और यह भी स्पष्टीकरण देंगे कि उन्होंने किस वजह से ऐसा कदम उठाया. बैठक के बाद नीतीश कुमार आधिकारिक तौर पर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप देंगे. वह बीजेपी और हम के समर्थन से सरकार बनाने का दावा भी पेश करेंगे.इस समय जदयू के पास 45 विधायक हैं, बीजेपी के पास 76 और हम के पास 4 विधायक हैं, कुल मिलाकर 125 विधायक हैं, जो सरकार बनाने के लिए आवश्यक जादुई आंकड़े 122 से तीन अधिक हैं. यह दिलचस्प होगा, अगर कुछ विधायक शनिवार की बैठक में नहीं आते हैं, क्योंकि इससे नीतीश कुमार के साथ-साथ एनडीए के लिए भी मुश्किल हो सकती है. जदयू के अलावा बीजेपी और आरजेडी ने भी शनिवार को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं. इस बैठक में पार्टी के तमाम विधायकों को शामिल होने का निर्देश दिया गया है. इस बैठक में पार्टी के तमाम बड़े नेता शिरकत करेंगे. इस समय राजद के 79, कांग्रेस के 19 और वाम दलों के 12 विधायक हैं. वहीं बीजेपी ने भी शनिवार शाम चार बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है. सियासी तौर पर इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।