NDA का माय समीकरण हुआ हिट,बिखर चुका है अब राजद!
साल 2025 की खट्टी मीठी यादों में बिहार चुनाव भी रहा. बड़े-बड़े सुरमा पस्त हो गए तो कई छोटे नेताओं को मौका मिला. नई पार्टियां जैसे प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, तेज प्रताप के जनशक्ति जनता दल आयीं, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ा. सबसे ज्यादा चर्चा लालू-तेजस्वी और नीतीश-मोदी की रही. एनडीए ने लालू यादव के समीकरण को ध्वस्त कर प्रचंड जीत हासिल की.राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि लालू यादव अपने MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण से लंबे समय से चुनाव लड़ते आए हैं और ज्यादा से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमाते रहे. कई बार सरकार में भी रहे, लेकिन इसबार राजद का यह समीकरण उस वक्त धव्स्त हो गयी जब एनडीए ने भी MY समीकरण का इस्तेमाल किया. एनडीए का MY समीकरण का मतलब महिला-यूथ रहा. महिला यूथ की बदौलत एनडीए ने 202 सीटों पर कब्जा किया।मिशन 2025 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लालू प्रसाद यादव के लिए साख की लड़ाई थी.

लालू प्रसाद यादव की ताकत जहां माय समीकरण थी, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष चुनौती लालू के समीकरण को ध्वस्त करने की थी. एनडीए की तैयारी लोकसभा चुनाव 2029 की है, इसलिए नरेंद्र मोदी हर हाल में 2025 की लड़ाई जीतना चाहते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लालू प्रसाद यादव की ताकत को भली भांति समझते थे. लालू यादव के तिलस्म को तोड़ने के लिए मोदी ने खास रणनीति तैयार की. माय समीकरण (महिला-यूथ) को धरातल पर लाने का काम किया. बिहार की 57% आबादी युवा और 49 प्रतिशत महिलाओं की है. इसी वोट बैंक से एनडीए नेजीत की पटकथा लिखी. 202 सीट जीतने में कामयाबी हासिल की।आंकड़े गवाही हैं कि समीकरण की बदौलत 2025 में एनडीए और महागठबंधन के बीच 45 लाख से अधिक वोटों का अन्तर था. एनडीए के दलों को कुल 2 करोड़ 34 लाख 65 हजार 988 वोट मिले, जबकि महागठबंधन के खाते में एक करोड़ 88 लाख 94 हजार वोट आए. औसतन एनडीए को 45 लाख अधिक वोट मिले हैं. इस तरह से औसतन हर विधानसभा क्षेत्र में एनडीए महागठबंधन पर 18800 वोटो से अधिक बनाने में रहा.2015 में एनडीए को लगभग 34.5% वोट मिले थे. उस वक्त बीजेपी, लोक जनशक्ति पार्टी, और हम शामिल थी. कुल मिलाकर 58 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी को 53 सीट यानि 24.4%, वोट मिले थे. लोक जनशक्ति पार्टी को 2 सीट यानि 4.83 प्रतिशत वोट, रालोसपा को 2 सीट यानि 2.56% वोट हासिल हुए थे. हम पार्टी को एक सीट यानि 2.27 प्रतिशत वोट मिले थे।भारतीय जनता पार्टी विधायक और पूर्व मंत्री राणा रणधीर सिंह का कहना है कि इस बार हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला और यूथ को ताकत बनाया. महिलाओं के लिए जहां ढेरों घोषणाएं की गई, वहीं युवाओं को रोजगार दिए गए. प्रधानमंत्री का माय समीकरण लालू के माय समीकरण पर भारी पड़ा, जिसका नतीजा यह हुआ कि हम बड़े मतों के अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब हुए.राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बिहार की सियासत को साधने के लिए माय समीकरण तैयार की थी. लालू प्रसाद यादव ने मुस्लिम और यादव का गठजोड़ बनाया. मुस्लिम और यादव के गठजोड़ के बदौलत लालू प्रसाद यादव ने लंबे समय तक बिहार में सत्ता में काबिज रहे. जाति का जनगणना के मुताबिक बिहार में यादव जहां 14.26% हैं, वहीं मुस्लिम आबादी 17.70% है. लालू प्रसाद यादव के साथ 31.96% वोट बैंक था.2025 विधानसभा चुनाव की अगर बात कर ले तो लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल की ताकत कम नहीं हुई भले ही उनकी पार्टी को 25 सीटें मिली. राष्ट्रीय जनता दल को कुल मिलाकर एक करोड़ 15 लाख 46 हजार के आसपास वोट हासिल हुए. राष्ट्रीय जनता दल को 2015 में 18.4% वोट हासिल हुए थे तो 2020 में 23.11% वोट हासिल हुए 2025 में राष्ट्रीय जनता दल को 22.8% वोट हासिल हुए.राष्ट्रीय जनता दल के वोट प्रतिशत में ना तो अधिक कमी हुई ना ही अधिक वृद्धि हुई, लेकिन पोलराइजेशन की वजह से राष्ट्रीय जनता दल के सीटों की संख्या में कमी और वृद्धि होती रही. 2015 में जहां राष्ट्रीय जनता दल को 80 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, वहीं 2020 में राष्ट्रीय जनता दल को 75 सीटों पर जीत हासिल हुई, लेकिन 2025 में राष्ट्रीय जनता दल 25 सीटों पर सिमट गई।
