कल लोकसभा में पेश की जाएगी JPC रिपोर्ट,पक्ष में पड़े हैं सिर्फ 16 वोट

 कल लोकसभा में पेश की जाएगी JPC रिपोर्ट,पक्ष में पड़े हैं सिर्फ 16 वोट
Sharing Is Caring:

वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट सोमवार को लोकसभा में पेश की जाएगी. जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल इस रिपोर्ट को लोकसभा में पेश करेंगे. वहीं, जेपीसी की रिपोर्ट सोमवार को ही राज्यसभा में भी पेश की जाएगी. इससे पहले यह रिपोर्ट 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई थी.संसद में बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से शुरू हो चुका है. वहीं, इस सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त होगा. जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलने की संभावना है. इस बीच, वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट 3 फरवरी को दोनों सदनों में पेश की जानी है. जेपीसी की रिपोर्ट को 11 मतों की तुलना में 16 मतों के बहुमत से स्वीकार किया गया है.वक्फ संशोधन विधेयक पर 8 अगस्त 2024 को जेपीसी का गठन किया गया था. जेपीसी के सदस्यों ने करीब 17 महीने तक वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा की. 29 जनवरी को जेपीसी की 655 पन्नों की रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार कर लिया गया था. इसमें बीजेपी सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव शामिल हैं. जबकि विपक्ष द्वारा सुझाए गए संशोधनों को खारिज कर दिया गया था.इससे पहले जेपीसी की बैठक में मसौदा विधेयक और संशोधनों को बहुमत से स्वीकार कर लिया गया था.

1000471072

जेपीसी सदस्यों के बीच वोटिंग हुई थी. संशोधित विधेयक के पक्ष में 16 वोट पड़े जबकि इसके खिलाफ 11 वोट पड़े. वहीं, विपक्ष के कुछ सांसदों ने इस मसौदे से असहमति जताते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया. उनका कहना है कि अंतिम रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए बहुत कम समय दिया गया.कई विपक्षी सांसदों ने जताई आपत्तिपिछले साल मानसून सत्र में लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया गया था. केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे सदन में पेश किया था. वहीं, वक्फ (संशोधन) विधेयक पर सदन में भारी हंगामे के बीच इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया था. अब इसे सदन के अगले सत्र में सोमवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा.वहीं, इस पर कई विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जताई है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल जो रिपोर्ट चाहते थे, वह तैयार हो गई, लेकिन विपक्ष की आवाज क्यों दबा दी गई?’ उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके खिलाफ समिति को एक असहमति नोट सौंपा था. लेकिन समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने उनकी जानकारी के बिना इसे हटा दिया.

Comments
Sharing Is Caring:

Related post