सिंगापुर सशस्त्र बलों के बीच जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज में भारत का दिखा दम,रक्षा सहयोग और आपसी समझ को दिया गया बढ़ावा

 सिंगापुर सशस्त्र बलों के बीच जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज में भारत का दिखा दम,रक्षा सहयोग और आपसी समझ को दिया गया बढ़ावा
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संयुक्त सैन्य अभ्यास अग्नि वारियर का 13 वां संस्करण का खत्म हुआ. भारतीय सेना और सिंगापुर सशस्त्र बलों के बीच एक जॉइंट मिलिट्री एक्सरसाइज शनिवार को फील्ड फायरिंग रेंज, देवलाली (महाराष्ट्र) में संपन्न हुआ. तीन दिवसीय अभ्यास 28 नवंबर से 30 नवंबर 2024 तक आयोजित किया गया. इसमें सिंगापुर सशस्त्र बल दल की भागीदारी देखी गई. इसमें सिंगापुर आर्टिलरी के 182 कर्मी शामिल थे और भारतीय सेना की टुकड़ी में आर्टिलरी रेजिमेंट के 114 कर्मी शामिल रहे.XAW-2024 का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत एक बहुराष्ट्रीय बल के रूप में अभ्यास और प्रक्रियाओं की आपसी समझ को बढ़ाना था. अभ्यास में दोनों सेनाओं की तोपखाने द्वारा जॉइंट स्ट्राइक प्लान, एग्जीक्यूशन और नई पीढ़ी के डिवाइस के उपयोग का प्रदर्शन किया गया.

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इस कार्यक्रम को आर्टिलरी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अदोश कुमार, स्कूल ऑफ आर्टिलरी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एनएस सरना और सिंगापुर सशस्त्र बल के मुख्य आर्टिलरी अधिकारी कर्नल ओंग चिउ पेर्नग ने देखा. गणमान्य व्यक्तियों ने उच्च स्तर की पेशेवर कौशल और विशेषज्ञता प्रदर्शित करने के लिए भाग लेने वाले सैनिकों की सराहना की.अभ्यास में व्यापक संयुक्त तैयारी, समन्वय, एक-दूसरे की क्षमताओं, प्रक्रियाओं की समझ और भारतीय और सिंगापुर तोपखाने प्रक्रियाओं के बीच सामान्य इंटरफेस का विकास शामिल था. इसने सिंगापुर सशस्त्र बल के सैनिकों द्वारा फायर पावर योजना की जटिलताओं को उजागर करने वाले सफल प्रशिक्षण की परिणति को चिह्नित किया. दोनों पक्षों ने अभ्यास के दौरान विशिष्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया और संयुक्त प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान किया.

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