2030 तक भारत बन जाएगा 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाला देश,2% के लिए जूझ रही है दुनिया,भारत 7% से कर रहा है ग्रोथ

 2030 तक भारत बन जाएगा 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी वाला देश,2% के लिए जूझ रही है दुनिया,भारत 7% से कर रहा है ग्रोथ
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सरकार ने इकोनॉमिक सर्वे की जगह एक स्पेशल रिपोर्ट जारी की है। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (CEA Nageswaran) द्वारा तैयार इस रिपोर्ट का नाम ‘द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू’ है। 74 पेज की इस रिपोर्ट में पिछले 10 वर्षों की भारत की जर्नी के बारे में बताया गया है। साथ ही आने वाले वर्षों में इकोनॉमी कैसी रहेगी, इसकी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के दूसरे चैप्टर में सरकार की नीतियों और विभिन्न सेक्टर्स में प्रोग्रेस का रिव्यू किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले 3 साल में भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा। साथ ही साल 2030 तक देश 7 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा।नागेश्वरन ने रिपोर्ट में कहा है कि भारत वैश्विक भू-राजनैतिक तनाव का सामना करने के लिए काफी आश्वस्त है और देश ने कमजोर स्थिति से स्टेबिलिटी और स्ट्रेंथ देखी है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘पिछले दो वर्षों में भारत द्वारा कच्चे तेल की आपूर्ति को उचित मूल्यों पर सुनियोजित तरीके से नियंत्रित करना उल्लेखनीय है। युवा भारतीय न केवल बेहतर जीवन की आकांक्षा रखते हैं, बल्कि उन्हें विश्वास भी है कि यह उनके जीवनकाल में ही होगा।रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024 के लिए 7 फीसदी या इससे ऊपर की ग्रोथ रेट रहने का अनुमान लगाया गया है। सीईए ने कहा कि कुछ अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भी 7 फीसदी ग्रोथ रेट रह सकती है। यह अनुमान सही रहता है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के बाद लगातार चौथे साल 7 फीसदी या उससे अधिक की ग्रोथ रेट से बढ़ेगी। नागेश्वरन ने कहा, ‘जब वैश्विक अर्थव्यवस्था 4 फीसदी की दर से बढ़ रही थी, उस समय भारत का 8-9 फीसदी की रफ्तार से बढ़ना अलग बात है। वहीं, जब वर्ल्ड इकोनॉमी 2 फीसदी की ग्रोथ के लिए संघर्ष कर रही है, तब भारत का 7 फीसदी से अधिक की रफ्तार से बढ़ना स्पेशल है।’सीईए ने कहा कि लाल सागर की हालिया घटनाओं ने ग्लोबल सप्लाई चेन्स पर निर्भरता से जुड़ी चिंताएं वापस ला दी हैं। इसने 2023 में वैश्विक व्यापार में धीमी ग्रोथ को आगे और बढ़ा दिया है। वैश्विक अर्थव्यवस्था लगातार झटकों के कारण कोविड के बाद की रिकवरी को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। सप्लाई चेन से जुड़ी बाधाएं में 2024 में फिर वापस आ गई हैं।

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