2024 में भारत में 12,000 करोड़ रुपये के काटे गए ट्रैफिक चालान,कई देशों की GDP से भी ज्यादा होती है सरकार को कमाई

ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के मामले में भारतीय कितने आगे हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल 2024 में पूरे देश में 12,000 करोड़ रुपये के ट्रैफिक चालान काटे गए हैं. यह आंकड़ा कई छोटे देशों की GDP से भी ज्यादा है. इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि 12,000 करोड़ रुपये में से सिर्फ 25 फीसदी चालान का भुगतान किया गया है, जबकि अब तक ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले लोगों पर 9,000 करोड़ बकाया है, जिनका भुगतान नहीं किया गया है. ये बात CARS24 की रिपोर्ट में सामने आई है.

बता दें कि जिन देशों की GDP 12,000 हजार करोड़ से कम है. इसमें वानूआतू, समोआ, डोमिनिका , पलाउ और किरिबाती जैसे देश आते हैं।रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में रहने वाले 140 करोड़ लोगों में से केवल 11 करोड़ के पास ही वाहन है. ये दिखाता है कि आबादी का एक छोटा हिस्सा बड़ी संख्या में नियमों को तोड़ने के लिए जिम्मेदार है. इससे यातायात अनुशासन और जवाबदेही के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं. कई ड्राइवर यातायात नियमों का पालन तभी करते हैं जब कोई पुलिसकर्मी मौजूद होता है. यह दिखाता है कि आदत के बजाय लोग सिर्फ डर की वजह से ट्रैफिक नियमों का पालन करते हैं।सर्वे में जब लोगों 43.9% लोगों ने दावा किया कि वे पुलिस की मौजूदगी की होने पर ही यातायात नियमों का पालन करते हैं. 31.2% लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा कि वे ड्राइविंग करते वक्त देख लेते हैं तो अगर कोई पुलिस या ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौजूद होता है तो वे सही से ड्राइविंग करते हैं. हालांकि, 17.6% लोग ऐसे भी हैं, जो जुर्माना से बचने के लिए हमेशा नियमों का पालन करते हैं. ये आंकड़ा इस बात को दिखाता है कि जब तक चौराहों पर पुलिस मौजूद न हो तो कई पुलिस ट्रैफिक नियमों का पालन ही नहीं करेंगे।