फडणवीस का पार्टी में गिर रहा है सम्मान,केंद्र में बढ़ा विनोद तावड़े का कद-ठाकरे गुट का दावा

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अजीत पवार ने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों का खंडन किया है। चर्चा थी कि अजीत पवार कई विधायकों संग एनसीपी छोड़ बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं।ऐसे में अगर अजित पवार अपनी पूरी पलटन लेकर बीजेपी में शामिल हो जाते तो महाराष्ट्र में एक बार फिर से राजनीतिक भूकंप2 देखने को मिलता, लेकिन समय रहते अजित पवार ने इस बात को अफवाह बात कर खंडन किया है।वही जब अजीत पवार ने बीजेपी में जाने की अटकलों को खारिज किया है तो विरोधी दलों को बीजेपी पर हमला बोलने का मौका मिल गया है।ऐसे में शिवसेना के फायर ब्रिगेड नेता संजय राउत ने कहा है कि हमने बीजेपी का नकाब उतार दिया। संजय राउत ने दावा किया कि बीजेपी विपक्षी दलों को तोड़ने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल में एजेंसियों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है।वही आपकों बतातें चले कि संजय राउत ने आगे कहा कि हम सभी लोग इस षड़यंत्र के खिलाफ लड़ने के तैयार हैं और डटकर लडे़ंगे।वही इधर बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जब मुंबई आए तो सबसे पहले विनोद तावड़े के घर गए. विनोद तावड़े की मां गुजर गई हैं. अमित शाह मातृ शोक में संवेदनाएं व्यक्त करने गए थे. यह बात समझ आती है. लेकिन यह भी सच है कि अमित शाह मुंबई आते ही सबसे पहले विनोद तावड़े के घर गए. विनोद तावड़े और पंकजा मुंडे वो नेता हैं जिन्हें देवेंद्र फडणवीस ने अपनी टीम में नहीं रखा था. इसके बाद केंद्रीय नेतृत्व ने दोनों को दिल्ली बुला लिया.एक तरफ पंकजा मुंडे को राष्ट्रीय राजनीति रास नहीं आई तो दूसरी तरफ विनोद तावड़े एक बेहतर संगठनकर्ता बनकर उभरे है।वही हाल की कुछ घटनाएं ऐसी हुई हैं जिनसे सतही तौर पर ठाकरे गुट का अनुमान सही लगता है.
थोड़े ही वक्त पहले तक ना सिर्फ महाराष्ट्र गोवा, गुजरात, बिहार जैसे राज्यों में बीजेपी की सफलता में फडणवीस का अहम रोल रहा. लेकिन इन चुनावों के बाद ही शायद फडणवीस का कद गिरना शुरू हो गया. जब पीएम नरेंद्र मोदी का भी मुंबई दौरा हुआ था तो उन्होंने मंच से यह तो कहा था कि शिंदे-फडणवीस मिलकर अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन वे ज्यादा अटेंशन सीएम एकनाथ शिंदे को देते हुए दिखाई दे रहे थे.