कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप,कहा-न्याय यात्रा से डर रहे हैं वो इसलिए मणिपुर में न्याय यात्रा को नहीं दी परमिशन

 कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया बड़ा आरोप,कहा-न्याय यात्रा से डर रहे हैं वो इसलिए मणिपुर में न्याय यात्रा को नहीं दी परमिशन
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कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से ही चालू होगी. यात्रा की शुरुआत इंफाल से की जाएगी. यह बात बुधवार (10 जनवरी, 2024) को पार्टी की ओर से साफ की गई. साथ ही बताया गया कि इंफाल के पैलेस ग्राउंड के लिए उन लोगों को अनुमति नहीं दी गई. ऐसा इसलिए क्योंकि स्थानीय सरकार उनकी यात्रा से डर रही है. हालांकि, वे (कांग्रेसी) लोग किसी भी सूरत में यात्रा को रुकने या थमने नहीं देंगे. वे हर हाल में इस यात्रा को निकालेंगे और उसका आगाज हिंसा की आगोश में आए नॉर्थ ईस्ट के सूबे से किया जाएगा.ये बातें बुधवार (10 जनवरी, 2024) को दिल्ली में पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दल के दो नेताओं की ओर से कही गईं. पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया- हमें जानकारी मिली है कि मणिपुर सरकार ने इंफाल के पैलेस ग्राउंड में यात्रा से जुड़ी हमारी दरख्वास्त खारिज कर दी है…हम जब इस यात्रा को पूर्व से पश्चिम तक आयोजित कर रहे हैं, तब हम मणिपुर को कैसे नजरअंदाज कर सकते हैं? ऐसे में हम लोगों को क्या संदेश देंगे?बकौल वेणुगोपाल, “हमें सिर्फ मणिपुर से यात्रा शुरू करने की जरूरत है। अब हम मणिपुर में किसी और जगह से यात्रा का आगाज करेंगे. जल्द ही इस बाबत और जानकारी दी जाएगी.” वेणुगोपाल ने दावा किया- हमने पहले ही कहा था कि हम यात्रा निकालेंगे. फिर भी वे (राज्य सरकार) इसके लिए क्यों मना कर रहे हैं?

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वे हमारी यात्रा से डर गए हैं, इसलिए उन्होंने परमिशन नहीं दी.वहीं, पार्टी महासचिव जयराम रमेश की ओर से कहा गया कि यात्रा इंफाल से ही शुरू होगी. पैलेस ग्राउंड के अलावा किसी और के लिए अनुमती मांगी जा रही है. उम्मीद है कि मंजूरी दे दी जाएगी. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि एक वेबसाइट भी तैयार की गई है, जिसमें यात्रा से जुड़ी रोज की जानकरी अपडेट की जाएगी. इससे जुड़ा एक पैम्फ्लेट भी जारी किया गया है. कांग्रेस नेताओं की ओर से यह भी बताया गया कि वे मोदी सरकार से लोहा लेने के लिए बनाए गए विपक्षी गठजोड़ इंडिया के साथियों को भी यात्रा के लिए न्यौता देंगे. जहां संभव हो सकेगा, वे ज्वॉइन करेंगे. हालांकि, विपक्षी नेताओं की इस यात्रा में मौजूदगी कितनी कारगर होगी? यह तो आने वाला समय ही बताएगा मगर इतना जरूर माना जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें बुलाकर एकजुटता का संकेत भी देना चाहेगी।

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