मणिपुर में सरकार बनाने के लिए आज बीजेपी ने बुलाई विधायकों की बड़ी बैठक!
भारतीय जनता पार्टी ने मणिपुर में अपने विधायकों को नई दिल्ली में एक जरूरी मीटिंग के लिए बुलाया है. पार्टी नेताओं ने इशारा किया है कि बातचीत सरकार बनाने पर ही होगी. फिलहाल मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है.नई सरकार बनने की बढ़ती अटकलों और बड़ी संख्या में बीजेपी विधायकों और नेताओं की तरफ से पार्टी की अगली सरकार बनाने की बढ़ती मांगों के बीच रविवार की मीटिंग का राजनीतिक महत्व काफी बढ़ गया है. पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राजधानी में होने वाली मीटिंग की पुष्टि करते हुए पहले कहा था कि सेंट्रल लीडरशिप ने राज्य के हर बीजेपी विधायकों को मीटिंग में शामिल होने का निर्देश दिया है. 86वें नुपी लाल दिवस के मौके के अतिरिक्त उन्होंने कहा कि प्रस्तावित मीटिंग का कोई फॉर्मल एजेंडा नहीं बताया गया है, लेकिन नई सरकार बनाने से जुड़ी चर्चा होने की संभावना है.

उन्होंने मीडिया से कहा, ‘मणिपुर में हालात पर विचार करने के लिए बीजेपी विधायकों को दिल्ली बुलाया गया है. हमें मीटिंग का पक्का एजेंडा नहीं बताया गया है, लेकिन इसमें सरकार बनाने पर बात हो सकती है.’ एन. बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के चार दिन बाद 13 फरवरी से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद 60 सदस्यों वाली राज्य विधानसभा को सस्पेंड कर दिया गया है और इसका कार्यकाल 2027 तक है.बीजेपी के दो सीनियर सेंट्रल लीडर्स नेशनल जनरल सेक्रेटरी (ऑर्गनाइजेशन) बी. एल. संतोष और पार्टी के नॉर्थ-ईस्ट कोऑर्डिनेटर संबित पात्रा पिछले महीने तीन दिनों के लिए मणिपुर गए थे और राज्य के पार्टी लीडर्स और विधायकों के साथ कई बैठकें की थी, जिससे नॉर्थ-ईस्ट राज्य में नई सरकार बनने की अटकलें तेज हो गई.अक्टूबर में बीरेन सिंह समेत 26 बीजेपी विधायकों ने नई दिल्ली में संतोष और पात्रा से मुलाकात की थी और उनसे मणिपुर में एक मजबूत सरकार बनाने की अपील की थी. पूर्व मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने हाल ही में कहा था कि मणिपुर में सभी बीजेपी विधायक राज्य में एक लोकप्रिय सरकार बनाने की अपनी कोशिशों में एक साथ हैं.उन्होंने कहा कि सरकार बनाने की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है, लेकिन उन्होंने विधायकों की अपनी राय पर कमेंट करने से परहेज किया. रिलीफ कैंप में रह रहे हिंसा प्रभावित आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्ति (IDPs) की बुरी हालत पर चिंता जताते हुए सिंह ने उनकी समस्याओं को दूर करने और उनके रहने के हालात को बेहतर बनाने की तुरंत जरूरत पर जोर दिया था. उन्होंने कहा, ‘एक बार जब जनता की चुनी हुई सरकार बन जाएगी तो बेघर हुए परिवारों की समस्याएं और राज्य के दूसरे मुद्दे सरकार की टॉप प्रायोरिटी होंगे.
