TMC से निलंबित होने के बाद विधायक हुमायूं कबीर की चेतावनी,सीएम बनने का सपना भूल जाएं ममता बनर्जी!

 TMC से निलंबित होने के बाद विधायक हुमायूं कबीर की चेतावनी,सीएम बनने का सपना भूल जाएं ममता बनर्जी!
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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद बनाने पर अड़े निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के निशाने पर अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। विधायक हुमायूं कबीर ने धमकी देते हुए कहा कि मैं उन्हें चुनौती दे रहा हूं, 2026 में वह मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं लेंगी और उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। टीएमसी से सस्पेंड किए गए विधायक ने कहा, ”मुर्शिदाबाद में और कौन वादे करेगा, हुमायूं कबीर को कौन रोक सकता है? मैं उन्हें चुनौती दे रहा हूं। 2026 में वह मुख्यमंत्री नहीं बनेंगी। मुख्यमंत्री को पूर्व मुख्यमंत्री होना चाहिए। 2026 में वह मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं लेंगी और उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा।” विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद निर्माण के प्रस्ताव के खिलाफ मुख्य न्यायाधीश की बेंच में एक PIL दायर की गई है।

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मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद निर्माण का हुमायूं कबीर का प्रस्ताव संविधान का उल्लंघन करता है।जान लें कि हाल में विधायक हुमायूं कबीर ने ऐलान किया था कि वह मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद जरूर बनवाएंगे। चाहे इसके लिए उनको तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा ही क्यों ना देना पड़ जाए। बाद में इस मुद्दे को पश्चिम बंगाल में विपक्षी पार्टी बीजेपी ने लपक लिया और सीएम ममता बनर्जी व उनकी पार्टी को घेर लिया। इसके बाद गुरुवार को उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही टीएमसी ने हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद को लेकर दिए गए बयान से किनारा कर लिया। बता दें कि कांग्रेस, टीएमसी, भाजपा और फिर वापस टीएमसी में शामिल हुए हुमायूं कबीर कई बार दलबदल कर चुके हैं। उन्होंने जिला अधिकारियों को चुनौती दी थी और उन पर ‘आरएसएस के एजेंट’ के रूप में काम करने का आरोप लगाया था। 6 दिसंबर का मस्जिद के शिलान्यास का चयन राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा था। उसी दिन 1992 में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था। टीएमसी इस दिन को ‘संघर्ष दिवस’ के रूप में मनाती है। पश्चिम बंगाल सरकार ने इस साल 6 दिसंबर को अवकाश भी घोषित किया है।तृणमूल कांग्रेस से सस्पेंड होने के बाद विधायक हुमायूं कबीर ने कहा, ” जब वो पहली बार सत्ता में आईं, तो उन्हें 182 सीटें मिली थीं। तब मुझे उनकी जरूरत थी। फिर मुझे पार्टी में शामिल किया गया। मैंने पार्टी के लिए फिर कई पदों पर रहकर काम किया। मेरे साथ 12-13 साल तक ऐसा क्यों किया गया? मुझे पार्टी में क्यों शामिल किया गया था? आज, मुख्यमंत्री लोगों से चंदा लेकर जगन्नाथ मंदिर बनवाती हैं और दुर्गा पूजा के लिए चंदा देती हैं। उधर, मुस्लिम इमामों को 3 हजार रुपये भत्ता दिया जाता है। और अगर सभी भत्तों को जोड़ लें तो उन्हें महज 54 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। जबकि दुर्गा पूजा की समितियों को हर साल 1 लाख 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। ऐसे तो वो आरएसएस का काम कर रही हैं।’

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