उपेंद्र कुशवाहा का एनडीए में शामिल होने की अटकलें तेज,नालंदा में हो रहा RLJD का मंथन
 
            
      पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक जनता दल के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में शामिल होने की तैयारी कर ली है। नालंदा जिले के राजगीर में चल रहे आरएलडी का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। इसके समापन के अवसर पर रविवार को कुशवाहा एनडीए में जाने की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार से ही हर वर्ग का विकास हो सकता है। हाल ही में कुशवाहा ने दिल्ली जाकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद से उनके बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गईं।वही बता दें कि बीते दिन पहले जदयू से बगावत करने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने कई बार सीएम नीतीश पर तंज कसते नजर आए थे। उन्होंने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कुर्सी और सत्ता के लिए सुशासन बाबू राजद के साथ मिलकर सरकार बनाते हुए बिहार की जनता को बड़ा धोखा दिया है।और जनता उन्हें कभी माफ नही करने वाली है।वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात करने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में जाने को लेकर उतावले हो गए है।हालांकि इस बीच बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में शुक्रवार को आरएलजेडी के प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन हुआ।
उन्होंने सीएम पर आरोप लगाते हुए कहा था कि कुर्सी और सत्ता के लिए सुशासन बाबू राजद के साथ मिलकर सरकार बनाते हुए बिहार की जनता को बड़ा धोखा दिया है।और जनता उन्हें कभी माफ नही करने वाली है।वही दूसरी तरफ बता दें कि इधर हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात करने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में जाने को लेकर उतावले हो गए है।हालांकि इस बीच बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में शुक्रवार को आरएलजेडी के प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन हुआ। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने एनडीए में जाने के संकेत दिए । उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा को बचाने की जब-जब जरूरत पड़ी है, उन्होंने बड़े फैसले लिए हैं। समाज और विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक कार्यकर्ता को विष पीने से परहेज नहीं करना चाहिए।
 पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने एनडीए में जाने के संकेत दिए । उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की विचारधारा को बचाने की जब-जब जरूरत पड़ी है, उन्होंने बड़े फैसले लिए हैं। समाज और विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राजनीतिक कार्यकर्ता को विष पीने से परहेज नहीं करना चाहिए।

 
       
                      
                     