नहीं रहीं बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया,चारों तरफ दौड़ी शोक की लहर

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बांग्लादेश की राजनीति में एक युग का पटाक्षेप हो गया। संघर्ष, सत्ता और साहस की प्रतीक रहीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया। बीएनपी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी। पार्टी ने लिखा कि बांग्लादेश की अनुभवी नेता का कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझने के बाद निधन हो गया।पार्टी की ओर से जारी बयान के अनुसार, खालिदा जिया ने सुबह करीब 6 बजे ढाका के एवरकेयर अस्पताल में अंतिम सांस ली। बता दें कि खालिदा जिया पिछले 36 दिनों से अस्पताल में भर्ती थीं। उन्हें 23 नवंबर को दिल और फेफड़ों में संक्रमण के बाद भर्ती कराया गया था। इसके अलावा वह निमोनिया से भी पीड़ित थीं।बीएनपी ने अपने बयान में कहा कि बीएनपी की अध्यक्ष, पूर्व प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय नेता बेगम खालिदा जिया का आज सुबह फज्र की नमाज के बाद निधन हो गया। पार्टी ने लोगों से उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ करने की अपील की है।

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डॉक्टरों ने रात में बताया था- हालात अत्यंत नाजुकइससे पहले रविवार देर रात खबर एजेंसी यूएनबी ने डॉक्टरों के हवाले से बताया था कि खालिदा जिया की हालत ‘अत्यंत नाजुक’ है। मेडिकल बोर्ड के सदस्य डॉ. जियाउल हक ने कहा कि उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। इस दौरान डॉक्टरों ने बताया कि खालिदा जिया को नियमित रूप से किडनी डायलिसिस की जरूरत पड़ रही है। जब भी डायलिसिस रोका जाता है, उनकी सेहत तेजी से बिगड़ जाती है।इलाज के लिए विदेश ले जानी की थी तैयारीमीडिया रिपोर्ट और पार्टी के हवाले से बताया गया था कि बिगड़ती तबितय को देखते हुए इस महीने की शुरुआत में उन्हें विदेश ले जाकर इलाज कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन उनकी कमजोर सेहत के कारण यह संभव नहीं हो सका। कई स्वास्थ्य समस्याओं से जुझ रहीं थी पूर्व बांग्लादेशी पीएमबांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया को पहले भी जिगर, किडनी, मधुमेह, गठिया और आंखों की बीमारियों जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं थी। ऐसे में इस साल छह मई को जिया लंदन से भारत लौटकर बांग्लादेश आई थीं, जहां उन्होंने चार महीने तक उन्नत चिकित्सा उपचार लिया था।गौरतलब है कि बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की नींव देश के प्रधानमंत्री रहे जिया-उर-रहमान ने की थी। फिलहाल उनकी पत्नी खालिदा जिया इसका नेतृत्व कर रही हैं। यह पार्टी 1979, 1991, 1996, 2001 में सत्ता हासिल करने में भी सफल हुई है। बांग्लादेश में शेख हसीना के दौर में बीएनपी प्रमुख विपक्षी दल रहा। बीएनपी ने 2024 के आम चुनाव का बहिष्कार किया था।साथ ही बीएनपी ने तब शेख हसीना पर भारत को ज्यादा करीब रखने का आरोप लगाया था और राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाया था। इतना ही नहीं फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनाव को लेकर बीते 3 दिसंबर को बीएनपी ने 237 सीटों पर उम्मीदवारों का भी एलान कर दिया। हालांकि, अब जब खालिदा जिया का निधन हो गया तो समर्थकों में एक शोक की लहर जरूर देखने को मिल रही है।

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