ओवैसी के विधायक ने महागठबंधन के नेताओं को दे दी चेतावनी,बोले-तोड़ने की कोशिश न करें

 ओवैसी के विधायक ने महागठबंधन के नेताओं को दे दी चेतावनी,बोले-तोड़ने की कोशिश न करें
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बिहार की सियासत में इस समय उठापटक और जोड़-तोड़ की चर्चाएं तेज हैं. इसी कड़ी में ओवैसी के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल ईमान ने फिर से राजद और कांग्रेस को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी पार्टी के विधायकों को तोड़ने की किसी भी तरह की कोशिश न की जाए. उन्होंने साफ कहा कि यह अब ‘पहली बार वाली स्थिति’ नहीं है और एआईएमआईएम आज पहले से कहीं अधिक मजबूत है.अख्तरुल ईमान ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के पांच विधायक जीते थे, लेकिन उनमें से चार को राजद ने तोड़कर अपने खेमे में शामिल कर लिया था. उन्होंने कटाक्ष भरे अंदाज में पूछा कि क्या इस बार भी वही कहानी दोहराने की कोशिश की जा रही है.ईमान ने राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं का हवाला देते हुए दावा किया कि इस बार जनता दल यूनाइटेड,AIMIM के विधायकों को साधने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि जो लोग खरीद-फरोख्त की राजनीति करते हैं, वे खुद टूट जाते हैं.

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लेकिन एआईएमआईएम के किसी भी विधायक के टूटने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. ईमान ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि हमारे घर की ओर देखने की कोशिश मत कीजिए. एआईएमआईएम अब पहले से ज्यादा मजबूत है और हमारे किसी विधायक को तोड़ना आसान नहीं है.राजद और कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए ईमान ने कहा कि एआईएमआईएम ने पहले दोनों दलों को सहयोग का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया. अब वही दल उपदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि अपनी स्थिति भी ठीक से संभाल नहीं पा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के चार विधायक खुद नाराज चल रहे हैं और ऐसे में कांग्रेस को दूसरों पर टिप्पणी करने से पहले अपनी स्थिति पर ध्यान देना चाहिए.ईमान ने यह भी याद दिलाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राजद को समर्थन देने की बात कही थी, लेकिन राजद ने उनकी शर्तों और मांगों पर विचार नहीं किया. ईमान के अनुसार आज वही दल एआईएमआईएम के विधायकों को लेकर अनावश्यक अटकलें फैला रहे हैं.बिहार की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों के बीच अख्तरुल ईमान का यह बयान साफ संकेत देता है कि एआईएमआईएम इस बार किसी भी तरह की तोड़फोड़ राजनीति को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है. पार्टी अपने अस्तित्व और मजबूती को लेकर पहले से ज्यादा सतर्क दिखाई दे रही है।

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