प्याज ने निकाले किसानों के आंसू,गिरती हुई दाम से बढ़ी परेशानी

 प्याज ने निकाले किसानों के आंसू,गिरती हुई दाम से बढ़ी परेशानी
Sharing Is Caring:

देश के कई इलाकों में इस समय प्याज के भाव सामान्य चल रहे हैं, तो कई इलाकों में प्याज के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. खासतौर पर मध्य प्रदेश में प्याज की कीमतें 1 रुपये किलो तक आ गई हैं. यही वजह है कि किसानों के सामने बड़ी मुश्किल आ गई है. लोगों का कहना है कि इन कीमतों के कारण उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है. इससे भारी नुकसान हो रहा है. यही वजह है कि किसान अब सरकारी मदद की मांग भी कर रहे हैं.मंदसौर जिले के पंथ पिपलोदा के किसान बब्बू मालवी ने बताया, “मैंने एक बीघा में प्याज बोया हुआ था. इसके बाद फसल ठीक-ठाक निकली है. लगभग 6-7 क्विंटल प्याज निकला है. लेकिन प्याज के भाव सुनकर विश्वास नहीं हो पा रहा है.

1000623255

उन्होंने कहा कि आज प्याज का भाव 1.99 रुपये प्रति किलो था, जो 2 रुपये भी नहीं है. इससे हमारे मंडी आने-जाने का खर्च भी पूरा नहीं हो पाता.”पूरी मेहनत के बाद भी मंडी आने का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. फसल की लागत कैसे निकलेगी? यहां आने में किराया और खाना पीना लगता है, उसमें ही 100 रुपये से ज्यादा खर्च हो गए हैं. कीमत ऐसे हैं कि किसान कैसे कमाई कर पाएगा.मध्य प्रदेश में प्याज की कीमतों में आई गिरावट को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी चिंता व्यक्त की है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने लिखा कि मध्य प्रदेश में प्याज किसान खून के आंसू रो रहे हैं. यहां की मंडी में प्याज 2/किलो बिक रहा है.आगे कहा कि किसान अपनी फसल औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. उन्हें फसल का दाम नहीं मिल रहा है. पार्टी ने इस पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘किसान की आय दोगुनी करने’ के वादे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें बर्बाद कर छोड़ा गया है. इस पोस्ट के साथ ही रतलाम कृषि उपज मंडी का फोटो भी शेयर किया गया है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी इस पोस्ट को आगे शेयर किया है.कीमतों से किसान नाराजभोपाल सिंह सिसोदिया ने भी अपनी बात बताई. वे बरखेड़ा के हैं और मंदसौर मंडी में प्याज बेचने आए हैं. वे मंडी में 7 क्विंटल प्याज बेचने के लिए लाए थे जिसका रेट मिला है 170 रुपये प्रति क्विंटल, यानी 1.70 रुपये. बिक्री के बाद लागत भी नहीं निकला और किराया-भाड़ा भी नहीं मिला. प्याज की इन कीमतों को लेकर किसानों में गहरी नाराजगी है. उनका कहना है कि इससे लागत भी नहीं निकल पा रही है. उनका कहना है कि इतने दामों में बेचने से अच्छा है कि उसे मवेशियों को खिला दिया जाए.

Comments
Sharing Is Caring:

Related post