मिट पर छिड़ी बड़ी बहस,चुनाव से पहले झटका और हलाल की गिरिराज सिंह करने लगे चर्चा

 मिट पर छिड़ी बड़ी बहस,चुनाव से पहले झटका और हलाल की गिरिराज सिंह करने लगे चर्चा
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बिहार विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर झटका मीट को लेकर बड़ा बयान दिया है. गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘झटका मीट सनातन परंपरा है और ये बिल्कुल सही है. झटका मीट पर जिन्हें पेट में दर्द हो रहा है वही लोग वोट के लिए नमाज पढ़ रहे हैं. जो धर्म का सम्मान करते हैं, वही सनातनी है.’गिरिराज सिंह ने कहा कि झटका मीट भारत की सनातन परंपरा से जुड़ा है. उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां बलि प्रथा है, बलि प्रथा को ही झटका कहा जाता है. इसमें दुख कैसा? अगर कोई मुसलमान भाई हलाल खाना पसंद करता है, तो हम उसका सम्मान करते हैं लेकिन अगर वह झटका नहीं खाता तो हम भी हलाल नहीं खाते. हलाल हमारे लिए हराम है. गिरिराज ने कहा कि दूसरों को मना करना गलत नहीं है.’योजनाओं को लेकर उठे सवालों पर गिरिराज सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाएं बिना भेदभाव के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं.

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उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना, शौचालय, नल-जल, गैस कनेक्शन और आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं चलाईं, लेकिन कभी हिंदू-मुसलमान का भेद नहीं किया.’उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं हराम का खाना हराम है, मुफ्त खाना हराम है, लेकिन जब सरकारी योजना का लाभ लेने जाते हैं, तब क्या बुर्का नहीं उठाते? आधार बनवाते समय, एयरपोर्ट पर जांच के वक्त, सब जगह बुर्का उठाते हैं, तो अब वोट के लिए बुर्का क्यों नहीं उठेगा?’गिरिराज सिंह ने तंज करते हुए कहा, ‘राहुल और तेजस्वी जैसे नेता बुर्का नहीं उठेगा कहते हैं, लेकिन जब कानून कहेगा तो उठाना ही पड़ेगा.’ वहीं गिरीराज सिंह के नमक हराम वाले बयान पर सियासी घमासान मचा हुआ है. विपक्षी दल इस बयान को लेकर बीजेपी को घेरे हुए हैं. विपक्षी दलों का कहना है कि इस तरह की बयानबाजी से पता चलता है कि बीजेपी के नेता किस तरह काम करते हैं.

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