बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ शुरू,वोटर लिस्ट के जरिए सत्ता में फिर से काबिज होंगे सीएम नीतीश

बिहार में आज बुधवार से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान शुरू किया जाएगा. इस गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) सत्यापन के लिए घर-घर सर्वेक्षण करेंगे. वे 26 जुलाई तक मतदाताओं का नाम जोड़ने, हटाने या संशोधित किए जाने से संबंधित आवेदन पत्रों को स्वीकार करेंगे. चुनाव आयोग ने इसे आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैंगहन पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची (ER) में शामिल किए जाएं ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें.

मतदाता सूची में किसी भी अपात्र मतदाता का नाम शामिल न हो और मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता लाई जा सके।बिहार के लिए अंतिम गहन पुनरीक्षण 2003 में किया गया था. यानी नीतीश कुमार के दौर से पहले चुनाव आयोग ने ये कार्य किया था. नीतीश 2005 से बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं. वह साल 2000 में पहली बार सीएम बने थे, लेकिन सिर्फ 8 दिन के लिए।विशेष पुनरीक्षण करते समय चुनाव आयोग मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए पात्रता और मतदाता सूची में पंजीकरण के लिए अयोग्यताओं के संबंध में संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का पालन करेगा, जो क्रमशः संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 में स्पष्ट रूप से निर्धारित हैं।जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 23 के अनुसार, मतदाता के रूप में नामांकन के लिए पात्रता की शर्तों को ERO द्वारा उनकी संतुष्टि के लिए पहले से ही सत्यापित किया जा रहा है. अब पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक होगा कि जिन दस्तावेजों के आधार पर ERO की संतुष्टि होती है, उन्हें ईसीआईएनईटी में भी अपलोड किया जाए क्योंकि वर्तमान तकनीक का स्तर ऐसा करने में सक्षम है।हालांकि, गोपनीयता के मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ये दस्तावेज केवल अधिकृत चुनाव अधिकारियों के लिए ही होंगे. किसी भी राजनीतिक दल या मतदाता द्वारा उठाए गए किसी भी दावे और आपत्ति के मामले में ईआरओ की संतुष्टि होने से पहले एईआरओ इसकी जांच करेगा. अधिनियम की धारा 24 के तहत, ईआरओ के आदेश के खिलाफ जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भी अपील की जा सकती है।चुनाव आयोग द्वारा जारी कैलेंडर के अनुसार आज से अगले महीने की 26 जुलाई तक बीएलओ (BLO) घरों में जाकर मतदाताओं का नाम जोड़ने, हटाने या संशोधित किए जाने से संबंधित आवेदन पत्रों को स्वीकार करेंगे. अगस्त में इसके आधार पर वोटर लिस्ट का ड्राफ्ट प्रकाशित होगा. उसके बाद 1 अगस्त से 1 सिंतबर तक दावा-आपत्तियां ली जाएंगी. इनका निपटाना करने के बाद 30 सितंबर को आखिरी वोटर लिस्ट प्रकाशित की जाएगी।