अमेरिका अपने हितों की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है,बोले- जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला

 अमेरिका अपने हितों की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है,बोले- जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला
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हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के साथ राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में लंच किया. इसको लेकर जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने अमेरिका के रवैये को लेकर टिप्पणी की. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, अमेरिका अन्य देशों का तभी तक ‘दोस्त’ है जब तक उसे फायदा मिलता है और अमेरिका अपने हितों की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकता है.सीएम से डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर के बीच हुए लंच को लेकर सवाल पूछा गया. इसी पर बात करते हुए सीएम ने बताया कि कब तक अमेरिका किसी देश के साथ दोस्ती निभाता है।सीएम ने आगे कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति अपनी मर्जी के मालिक हैं. क्या हम उन्हें बता सकते हैं कि उन्हें किसे लंच पर आमंत्रित करना चाहिए और किसे नहीं? यह एक अलग मुद्दा है कि हम सोचते थे कि अमेरिकी राष्ट्रपति हमारे बहुत खास दोस्त हैं और वो हमारी दोस्ती की इज्जत करेंगे.अमेरिका वो ही करता है जिसमें उसको अपना फायदा लगता है. वो किसी और देश की फिक्र नहीं करते. सीएम उमर अब्दुल्ला अपने पिता फारूक अब्दुल्ला के साथ हाल ही में लॉन्च हुई वंदे भारत ट्रेन से जम्मू गए थे. ट्रेन से उतरने के बाद सीएम ने अमेरिका को लेकर बयान दिया।सीएम से ईरान-इजराइल वॉर को लेकर सवाल पूछे गए. सीएम ने कहा, युद्ध रुकना चाहिए और दोनों देशों के बीच जो भी विवाद है उसका बातचीत से समाधान करना चाहिए.सीएम ने कहा, यह बमबारी शुरू नहीं होनी चाहिए थी.

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इससे पहले जब अमेरिकी खुफिया प्रभारी से पूछा गया था कि क्या ईरान के पास परमाणु बम है, तो उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि ईरान लंबे समय तक बम बना सकता है. लेकिन इजराइल ने कुछ महीनों के अंदर ही ईरान पर हमला कर दिया. यह हमला रुकना चाहिए और बातचीत के जरिए मुद्दे हल होने चाहिए।हालांकि, जम्मू-कश्मीर के ईरान में पढ़ने वाले छात्रों को भारत लाने को लेकर उन्होंने कहा, सभी धीरे-धीरे घर वापस आ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, हम सभी को एक ही रात में एक साथ वापस नहीं ला सकते हैं. एयरपोर्ट और पोर्ट बंद हैं. हम उन्हें पहले रोड से आर्मेनिया लेकर आए, फिर उन्हें आर्मेनिया से भारत लाया गया. हमें उम्मीद है कि आज 300 से 400 छात्र भारत वापस आ रहे हैं. इनमें से ज्यादातर जम्मू-कश्मीर से हैं. उन सभी को हम सुरक्षित भारत वापस लाएंगे।

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