चिराग पासवान की बढ़ी डिमांड,70 सीट पर करेंगे समझौता!

 चिराग पासवान की बढ़ी डिमांड,70 सीट पर करेंगे समझौता!
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बिहार विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है. ऐसे में सीटों के तालमेल के लेकर महागठबंधन और एनडीए दोनों में खिचड़ी पक रही है. महागठबंधन में जहां लगातार बैठक हो रही है, तो एनडीए के कई नेता यह कह रहे हैं कि सीटों के बंटवारे में कोई परेशानी नहीं होने वाली. लोकसभा की तरह विधानसभा में भी हम लोग मिलकर बैठकर तय कर लेंगे. हालांकि, क्या यह इतना आसान है? यह समझने वाली बात है. यह अलग बात है कि गठबंधन में सभी दलों को ज्यादा से ज्यादा सीट की चाहत होती है, लेकिन एनडीए में जो फॉर्मूला बीजेपी और जेडीयू बनाने की फिराक में हैं, क्या उसपर चिराग पासवान और मांझी सहमत होंगे? यह बड़ा सवाल उठने लगा है. बिहार चुनाव में सीटों की शेयरिंग को लेकर अभी तक एनडीए में कोई औपचारिक बैठक नहीं की गई है, लेकिन बीजेपी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, जो फॉर्मूला तय हो सकता है.

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उसमें 243 सीटों में 102 सीट बीजेपी, 102 सीट जेडीयू, 28 सीट चिराग पासवान की पार्टी, जीतन राम मांझी की पार्टी को 7 सीट और उपेंद्र कुशवाहा को 4 सीट मिल सकती हैं।अब कहा यह भी जा रहा है कि अगर चिराग पासवान नहीं माने तो जेडीयू और बीजेपी की एक-एक सीट घट सकती है और चिराग को 30 सीट दी जा सकती हैं।सवाल उठने लगा है कि क्या चिराग पासवान 30 सीटों पर भी मान जाएंगे? लोक जन शक्ति पार्टी- रामविलास के एक बड़े नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पार्टी की ओर से यह तय हो चुका है कि एनडीए की बैठक होगी तो उसमें पार्टी 70 सीट की डिमांड करेगी और लिस्ट देगी.सूत्रों ने बताया कि एलजेपी हर हाल में 40 सीट लेने का दबाव बनाएगी, लेकिन अगर 40 पर बात नहीं बनी तो कम से कम 35 सीट तो अवश्य पार्टी लेगी. 35 सीटों से नीचे एक भी सीट कम नहीं लेने का निर्णय लिया गया है. कहा जा रहा है कि 35 सीट से नीचे हम लोग नहीं मान सकते, उसके लिए कुछ भी करना पड़े।अगर चिराग पासवान की पार्टी का यह दावा बरकरार रहा तो निश्चित तौर पर एनडीए में कुछ सीटों के लिए खींचतान हो सकती है. बीजेपी और जदयू को कहीं ना कहीं 100 सीट से नीचे आना पड़ सकता है. तभी एनडीए मजबूत रह सकती है. क्योंकि मांझी की पार्टी भी 15 से 20 सीटों की मांग कर रही हैं, लेकिन चिराग को अगर 35 मिलती हैं तो उस फार्मूले से मांझी को 7 सीट दिया जा सकता है।पिछली बार साल 2020 में भी जीतन राम मांझी को जेडीयू के खाते से 7 सीट दी गई थीं जिसमें उन्होंने 4 सीट पर जीत पाई थी. अब गणित देखी जाए तो 35 सीट चिराग पासवान, जीतन राम मांझी की 7 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा को 4 सीट दी जाएंगी तो कुल सीट की संख्या 46 हो जाती है. ऐसे में 197 सीटों पर जेडीयू और बीजेपी बंटवारा कर सकती हैं और 98-99 का फार्मूला तय हो सकता है।

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