इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा की बढ़ेगी मुश्किलें,महाभियोग प्रस्ताव लाएगी केंद्र सरकार

भ्रष्टाचार के मामले में फंसे इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को जानकारी दी है कि सरकार संसद के आगामी सत्र में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाएगी। सरकार इस मामले में सभी दलों के साथ सहमति बनाने का प्रयास भी करेगी। सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी है कि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए सभी दलों से बात करेंगे।जानकारी के मुताबिक, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू इस बारे में विभिन्न राजनीतिक दलों से बात करने वाले हैं। वह सभी दलों को जज यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए राजी करने की कोशिश करेंगे। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। जानकारी के मुताबिक, इस साल संसद के मॉनसून सत्र के जुलाई के दूसरे पखवाड़े में शुरू होने की संभावना है।

जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को केंद्र सरकार के नेताओं के बीच लगातार बैठकों का दौर चला है। सबसे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने उनके आवास पहुंचे। इसके बाद भाडरपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा अमित शाह से मिलने पहुंचे। इसके बाद जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह दोनों उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मिले पहुंचे। यहां महाभियोग विषय पर बैठक हुई है।दरअसल, ये पूरा मामला कैश बरामदगी से जुड़ा हुआ है। दिल्ली हाई कोर्ट में तत्कालीन जज यशवंत वर्मा के आधिकारिक आवास पर भारी मात्रा में जले हुए कैश बरामद किए गए थे। इस मामले के सामने आने के बाद उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाई कोर्ट में कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने मामले की जांच की थी और न्यायाधीश यशवंत वर्मा को दोषी ठहराया था। सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जज यशवंत वर्मा को इस्तीफा देने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना ने भारत की राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था और न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई करने की सिफारिश की थी।