दाने-दाने के अब लिए तरसेगा पाकिस्तान,भारत के खौफ से पीछे हटने लगी पाकिस्तानी जनता

 दाने-दाने के अब लिए तरसेगा पाकिस्तान,भारत के खौफ से पीछे हटने लगी पाकिस्तानी जनता
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने जो सख्त कदम उठाए हैं, उससे पाकिस्तान की हालत, जो पहले ही बुरी थी अब और भी पतली हो गई है. भारत की कड़ी कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान का शेयर बाजार ही नहीं, उसकी पूरी अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी है.पहलगाम हमले के बाद, भारत ने ‘इंडस वाटर्स ट्रीटी’ यानी सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीज़ा छूट भी रोक दी गई है, हाई कमीशन के स्टाफ घटा दिए गए हैं और अटारी बॉर्डर भी बंद कर दिया गया है. इसका असर ये हुआ कि पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज धड़ाम हो गया. वहीं ट्रेड बंद होने की वजह से वहां कई जरूरी चीजों की कीमत आसमान पर पहुंच गई है.ऐसा नहीं है कि भारत के कड़े रुख के बाद ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डगमगाई है. इससे पहले भी पाकिस्तान की माली हालत कोई बहुत अच्छी नहीं थी.

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IMF ने पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ 2.6 फीसदी कर दी है और एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भी उम्मीदें घटाकर 2.5 फीसदी कर दी हैं.उधर पाकिस्तान के खुद के मंत्री भी चाय कम पीने की अपील कर रहे थे, क्योंकि चाय इंपोर्ट के लिए भी कर्ज़ लेना पड़ता था. 2023 में वहां महंगाई 38.5 फीसदी तक पहुंच गई थी, रिज़र्व भी बस कुछ हफ्तों की इंपोर्ट के लायक बचे थे और ब्याज दरें 22 फीसदी तक पहुंच चुकी थीं. आपको बता दें, यह वही पाकिस्तान है जो आतंकवाद को फंडिंग करने के आरोपों के चलते करीब पांच साल FATF की ग्रे लिस्ट में रहा.भारत ने जब सिंधु जल संधि पर ब्रेक लगाया, तो पाकिस्तान की खेती पर भी तलवार लटक गई है. पाकिस्तान की 90 फीसदी फसलें, गेहूं, चावल, कपास सिंधु नदी के पानी से सींची जाती हैं. अगर पानी का बहाव कम हुआ या डेटा शेयरिंग बंद हुई, तो पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था को भारी झटका लगेगा. इसके साथ ही खेती, जो पाकिस्तान की जीडीपी का 22.7 फीसदी हिस्सा है, जिसमें 37.4 फीसदी लोग काम करते हैं, तबाह हो जाएगी.

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