पटना में लगभग सभी घाटों को पूरी तरह से किया गया तैयार,इस बार नहीं होगी प्रशासनिक लापरवाही!

चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ कल (मंगलवार) नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा. बुधवार को खरना होगा. गुरुवार को पहला अर्घ्य दिया जाएगा जबकि शुक्रवार को सुबह में अर्घ्य देने के साथ यह पूजा समाप्त हो जाएगी. पटना के घाटों पर छठ में काफी भीड़ होती है. ऐसे में जिला प्रशासन एक महीने से तैयारी करने में लगा है. इस बार अंतिम समय में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया था. हालांकि अब सभी घाटों को लगभग पूरी तरह से तैयार कर लिया गया है. जिला प्रशासन ने दावा किया है कि पूरे पटना जिले में गंगा और सहायक नदियों के 550 घाटों पर लोग छठ करते हैं. पटना नगर निगम में 102 गंगा घाट पर छठ की तैयारी की गई है. करीब 45 पार्क एवं 63 तालाब भी अलग से शामिल हैं. पटना के सभी छठ घाट एवं तालाब पर जिला प्रशासन की ओर से विशेष तैयारी की गई है. वरीय पदाधिकारी लगातार नजर रख रहे हैं.बताया गया कि श्रद्धालुओं के लिए कुल 512 अस्थायी शौचालय बनाए गए हैं. 450 अस्थायी यूरिनल, पीने के पानी के लिए 185 नल, 50 पानी के टैंकर, इसके अलावा कई जगहों पर 37 चापाकल भी लगाए गए हैं. नल में पानी के लिए 20 सबमर्सिबल मोटर एवं पीवीसी टैंक लगाए गए हैं छठ व्रतियों के लिए 355 अस्थायी चेंजिंग रूम बनाए गए हैं।

14 यात्री शेड, सुरक्षा निगरानी के लिए 97 नियंत्रण कक्ष और 13 सहायक नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं. दूर से निगरानी के लिए 154 वाच टावर बनाए गए हैं.इसके साथ ही एनडीआरएफ की 08 टीम तैनात रहेंगी. इसमें 200 सदस्य होंगे. वहीं एसडीआरएफ की 14 टीमें रहेंगी. इसमें 56 सदस्य रहेंगे. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम 6 नवंबर से 8 नवंबर की सुबह तक 24 घंटे नदी में तैनात रहेगी. इसके अलावा 333 गोताखोर, 306 नाव/नाविक एवं सिविल डिफेंस के 168 वालंटियर तैनात रहेंगे. रिवर पेट्रोलिंग की भी व्यवस्था की गई है. पटना डीएम ने सख्त निर्देश दिया है कि किसी भी तरह से नाव का परिचालन नहीं होगा. यहां तक कि प्रचार-प्रसार के लिए लोग घूमते हैं उन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. अगर किसी भी तरह के लोग भ्रमण करने के लिए नाव का परिचालन करेंगे या नाव का परिचालन होगा तो एक्शन लिया जाएगा।