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कश्मीरी अलगाववादी पार्टी ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी है. अमित शाह ने बताया कि अलगाववादी पार्टी तहरीक-ए-हुर्रियत (TeH) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित कर दिया गया है. केंद्र सरकार की तरफ से लगातार कश्मीरी अलगाववादी संगठनों पर कार्रवाई की जा रही है.दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के जरिए ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ पर ऐसे समय पर कार्रवाई की गई है, जब कुछ दिनों पहले ही घाटी के एक और संगठन को बैन किया गया था. सरकार ने 27 दिसंबर को मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) को प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित कर दिया. इस संगठन के नेता मसर्रत आलम भट भारत विरोधी एजेंडा चलाता था. वह पाकिस्तान के सपोर्ट में घाटी में गतिविधियां भी कर रहा था. अमित शाह ने बताया कि ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ आतंकी गतिविधियों में शामिल था और उसका मकसद जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करना था. ‘तहरीक-ए-हुर्रियत’ कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा भी दे रहा था. वह इस्लामिक शासन स्थापित करने की कोशिश कर रहा था. गृह मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की आतंक को लेकर जीरो-टोलरेंस की नीति है. भारत विरोधी गतिविधि में शामिल रहने वाले संगठन को तुरंत खत्म कर दिया जाएगा. केंद्रीय गृह मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर (TeH) को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है. संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामिक शासन स्थापित करने की गतिविधियों में शामिल था. ये संगठन जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी प्रचार कर रहा है और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था.’अमित शाह ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आतंकवाद को लेकर जीरो-टोलरेंस की नीति के तहत अगर कोई व्यक्ति या संगठन भारत-विरोधी गतिविधि में शामिल रहता है, तो उसे तुरंत विफल कर दिया जाएगा.’ मोदी सरकार ने घाटी से आतंक के सफाए के लिए लगातार अलगाववादी संगठनों पर कार्रवाई की है. ये उस दिशा में उठाया गया सबसे हालिया कदम है।

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