उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही आज संपन्न होगा छठ महापर्व,जाने सूर्योदय का शुभ मुहूर्त

 उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही आज संपन्न होगा छठ महापर्व,जाने सूर्योदय का शुभ मुहूर्त
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छठ का पर्व साल में दो बार पहला चैत्र और कार्तिक माह में मनाया जाता है. ये त्योहार चार दिन तक चलने वाला है. लोक आस्था का महा पर्व छठ मुख्यतौर पर बिहार में धूमधाम से मनाया जाता है. चैती छठ में सूर्य की उपासना की जाती है. ये पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और सप्तमी को उगते सूर्य को अर्ध्य देने के बाद समाप्त होता है. आज चैती छठ का पहला संध्या अर्घ्य है. आज संध्या अर्घ्य शाम 06.36 मिनट पर सूर्यास्त के समय दिया जाएगा.चैती छठ में सूर्य की उपासना की जाती है.  संतान के स्वास्थ्य, अच्छे भविष्य और उसकी रक्षा के लिए महिलाएं चैती छठ पर व्रत रखती है. नहाय-खाय परंपरा से चैती छठ पूजा शुरू होती है. नहाय-खाय से छठ पर्व की शुरुआत होती है. इस दिन घर की साफ-सफाई की जाती है और शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेवन किया जाता है. महिलाएं इस दिन व्रत का संकल्प लेती हैं और सेंधा नमक युक्त भोजन जैसे चने की दाल, लौकी की सब्जी, भात खाती हैं.

छठ में सूर्य की उपासना की जाती है चैती छठ में सूर्य की उपासना की जाती है.  संतान के स्वास्थ्य, अच्छे भविष्य और उसकी रक्षा के लिए महिलाएं चैती छठ पर व्रत रखती है. नहाय-खाय परंपरा से चैती छठ पूजा शुरू होती है. नहाय-खाय से छठ पर्व की शुरुआत होती है. इस दिन घर की साफ-सफाई की जाती है और शुद्ध शाकाहारी भोजन का सेवन किया जाता है. महिलाएं इस दिन व्रत का संकल्प लेती हैं और सेंधा नमक युक्त भोजन जैसे चने की दाल, लौकी की सब्जी, भात खाती हैं.

उषा अर्घ्य के लिए समय जानें

छठ पूजा के समापन उषा अर्घ्य यानी उगते सूरज को अर्घ्य देकर किया जाता है. सूर्य अर्घ्य के लिए बांस की टोकरी में ठेकुआ, चावल के लड्डू और फलों को रखा जाता है. सूर्य पूजा के लिए सूप को भी सजाया जाता है. सूर्य देव को दूध और जल का अर्घ्य देकर छठी मैया को प्रसाद चढ़ाया जाता है. उषा अर्घ्य के लिए सुबह 06.16 मिनट पर सूर्योदय का समय है. इस समय ही व्रती भगवान भास्कर को उषा अर्घ्य देंगी. वहीं, इसके बाद व्रती व्रत का पारण करते हैं.

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