अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव : सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों को10 लाख रुपये के नगद पुरस्कार से नवाजा गया

 अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव : सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों को10 लाख रुपये के नगद पुरस्कार से नवाजा गया
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लखनऊ, 16 अप्रैल। सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में चल रहे नौ-दिवसीय ‘12वें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2023)’ के सातवें दिन आज देश-दुनिया की सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों को 10 लाख रुपये के नगद पुरस्कार से नवाजा गया। बाल फिल्मों को विभिन्न श्रेणियों में पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्मों का चयन एक अन्तर्राष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा किया गया, जिनमें हंगरी की सुश्री इबोल्या फेकेते, ईरान के श्री हमीद सुलेमान्जादेह एवं भारत के श्री अभिजीत रणदिवे, सुश्री अन्नपूर्णानी सुब्रमणियम एवं सुश्री रजनी बासुमतारी शामिल रहे।  इसके अलावा, सी.एम.एस. के तीन छात्र काशवी पाल, जिया सिंह एवं श्रेयांश शुक्ला भी इस ज्यूरी के बाल सदस्यों में शामिल रहे। इससे पहले, बाल फिल्मोत्सव के सातवें दिन का विधिवत् उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री मनीष चन्द्र पाण्डेय, वरिष्ठ पत्रकार ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर अभिनेत्री सुश्री अनु अग्रवाल एवं अभिनेता जपतेज सिंह ने अपनी उपस्थिति से समारोह की गरिमा को बढ़ाया एवं फिल्म देखने पधारे छात्रों को खूब उत्साहवर्धन किया।

            पुरस्कार वितरण समारोह में ईरान की बाल फिल्म ‘सिंगो’ को ‘बेस्ट फीचर फिक्शन फिल्म अवार्ड’ से नवाजा गया। बेस्ट एनीमेशन फीचर फिल्म का पुरस्कार भी ईरान की बाल फिल्म ‘डाल्फिन ब्वाय’ के नाम रहा। बेस्ट शार्ट फिक्शन फिल्म का अवार्ड भारतीय बाल फिल्म ‘ए स्टूडेन्ट’ को दिया गया । बेस्ट शार्ट एनीमेशन फिल्म का अवार्ड ताईवान की बाल फिल्म ‘डिस्टेन्स’ को दिया ,बेस्ट शार्ट डाक्यूमेन्ट्री फिल्म अवार्ड किर्गिस्तान की फिल्म ‘लस्ट फॉर लाइफ’को दिया गया इसी कड़ी में शार्ट फिक्शन फिल्म ‘ए स्केअरक्रो’ को डा. जगदीश गाँधी व डा. भारती गाँधी स्पेशल ज्यूरी अवार्ड से नवाजा गया ।अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्मोत्सव के चेयरमैन डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि सी.एम.एस. का यह बाल फिल्मोत्सव बच्चों के दिलो-दिमाग को अच्छाई की ओर प्रेरित कर रहा है और उन्हें समाज का आदर्श नागरिक बनने को प्रोत्साहित कर रहा है।

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