चुनाव में पैरवी नहीं बल्कि परफॉर्मेंस पर टिकट मिलेगा,तेजस्वी के इस बयान से सतर्क हुई सहयोगी दल

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अभी से ही तैयारी में जुट गई हैं. चुनाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कमर कस ली है. वो कई मंचों पर यह कह चुके हैं कि इस बार विधानसभा चुनाव में पैरवी नहीं, बल्कि परफॉर्मेंस पर टिकट मिलेगा, वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के अन्य घटक दलों, कांग्रेस और वीआईपी भी अपने मंसूबों को जाहिर कर रहे हैं. ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या तेजस्वी के बयान का अन्य दलों पर असर पड़ेगा? क्योंकि सहयोगी घटक दलों की स्थिति मजबूत होगी तो इससे महागठबंधन को ही ताकत मिलेगी।दरअसल तेजस्वी यादव इस बात को कई बार कह चुके हैं कि इस बार टिकट पैरवी से नहीं बल्कि परफॉर्मेंस से मिलेगा. इस बार उनकी पूरी कोशिश ऐसे उम्मीदवारों पर दांव लगाने की है जो जनता के बीच में रहता है और जनहित के बारे में सोचता है. ताकि चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की जा सके. ऐसे में न केवल आरजेडी बल्कि पूरे महागठबंधन की रणनीति और विधानसभा के चुनाव परिणाम तेजस्वी यादव के बयान के इर्द गिर्द घूम रहे हैं।तेजस्वी यादव ने तो अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के बारे में अपनी बात कई बार कह दी है, लेकिन अन्य राजनीतिक दल क्या सोचते हैं?

यह भी सोचने वाली बात है क्योंकि एक तरफ जहां तेजस्वी पैरवी नहीं बल्कि परफॉर्मेंस की बात कह रहे हैं वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के अन्य अहम घटक दल कांग्रेस और वीआईपी सीटों की संख्या पर अपना ज्यादा जोर लगा रही है।महागठबंधन में शामिल कांग्रेस पार्टी की तरफ से इस बार विधानसभा चुनाव में 70 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात को कई बार दोहराया जा चुका है. हालांकि साथ ही कांग्रेस पार्टी की तरफ से यह भी कहा जाता रहा है कि कौन सी राजनीतिक पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसका फैसला आलाकमान करेगा. वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में महागठबंधन और विशेष रूप से तेजस्वी यादव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाले मुकेश सहनी की नजर बिहार में 40 सीटों पर है. इसके अलावा वह डिप्टी सीएम के पद को लेकर भी अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं।