कांग्रेस से अलग लड़ेगी आम आदमी पार्टी,गठबंधन से होगी बाहर?

कभी एक ही गठबंधन में रहकर एक-दूसरे की जान तो कभी एक-दूसरे के जानी दुश्मन, हम बात कर रहे हैं, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की. कांग्रेस और AAP के बीच आखिर ये सब चल क्या रहा है, क्या दोनों की राहें जुदा हो चुकी हैं? इंडिया गठबंधन की जगह क्या जल्द ही तीसरा मोर्चा कायम होगा?AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मीडिया के साथ खास इंटरव्यू में पार्टी और कांग्रेस के पल-पल बदलते रिश्ते से जुड़े सवाल पर कहा, “अब तो कुछ छुपा नहीं है. भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली सरकार का मंत्री सिरसा वो वहां जाते हैं. और कहते हैं कि लुधियाना में भले ही बीजेपी को वोट मत देना, लेकिन आप आदमी पार्टी को भी वोट मत देना, इसका मतलब कांग्रेस को वोट देना तो बीजेपी और कांग्रेस लुधियाना में मिलकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ लड़ रही है. पहली चीज यह उजागर हो गई है.”

उन्होंने आगे कहा, “गुजरात में हमारा सिटिंग विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाता है. बीजेपी ने उसे अपने तरीके से दबाव बनाकर तोड़ दिया. अब उस सीट पर किसकी दावेदारी बनती है, आम आदमी पार्टी की. वहां भी कांग्रेस हमारे खिलाफ लड़ रही है. कांग्रेस वहां भी बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव लड़ रही है, इसमें भी कहीं कुछ छिपा नहीं है.दिल्ली नगर निगम का जिक्र करते हुए संजय सिंह कहते हैं, “इसी तरह एक और बात, दिल्ली में साउथ में चेयरमैन की एक सीट खाली थी. MCD में वहां भी कांग्रेस ने बीजेपी को खुलेआम वोट दे दिया, तो अब आप इसको क्या कहेंगे, इसलिए अरविंद केजरीवाल साहब ने जो आरोप लगाए हैं और पार्टी का यह मानना है कि हम अपने विस्तार के लिए काम करेंगे, अपने उद्देश्यों के लिए काम करेंगे और आम आदमी पार्टी ने अलग-अलग राज्यों में अपने प्रभारी लगाए हैं. हम संगठन के काम को अपने मुद्दों को उठाने के लिए जुट गए हैं.क्या औपचारिक तौर पर आम आदमी पार्टी कांग्रेस की राहे जुदा हो चुकी हैं, के सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि यह तो खुली बात है इसमें अब छुपा हुआ क्या है?इंडिया गठबंधन में कई घटक दल हैं जिनकी कांग्रेस के साथ पटरी नहीं खा रखी है तो क्या माना जाए कि भविष्य में तीसरा मोर्चा तैयार होगा, संजय सिंह कहते हैं, “अलग मोर्चा बनेगा या नहीं बनेगा. उसके बारे में क्या फैसला लेना है इस संबंध में ना मुझे कोई जानकारी है और ना ही उस पर मैं कोई टिप्पणी करूंगा. अभी आम आदमी पार्टी का जो मकसद है, जो लक्ष्य है, जो हमारा काम है, टारगेट है उसके बारे में बता सकता हूं कि हम अपनी पार्टी के संगठन विस्तार के लिए काम कर रहे हैं।इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए ही था तो क्या अब इसकी वैलिडिटी खत्म हो चुकी है, के सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था, बाकी जो दल साथ में रहकर के इंडिया गठबंधन में हैं. वह ठीक है क्योंकि यह उनका अपना फैसला है. हमारी पार्टी का फैसला अलग है।