जय हिंद वाले नारा बैन पर ममता बनर्जी ने आखिर क्यों दी चेतावनी,जानिए क्या है पूरा मामला?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यसभा की ओर से जारी किए गए बुलेटिन पर हमलावर हैं. राज्यसभा की तरफ से जारी बुलेटिन में सदन के अंदर थैंक्यू, धन्यवाद, जयहिंद और वंदे मातरम या अन्य किसी भी नारे पर रोक लगाने की बात कही गई है. इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि क्यों नहीं बोलेंगे. जय हिंद और वंदे मातरम हमारा राष्ट्रीय गीत है. ये हमारी आजादी का नारा है. जय हिंद हमारे नेताजी का नारा है, इससे जो टकराएगा, वो चूर-चूर हो जाएगा।एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, ये एडवाइजरी पुरानी है और पहली बार 22 November, 2005 में ही जारी की गई थी. सूत्रों के मुताबिक, साल 2005 के दौरान संसदीय सत्रों से पहले सांसदों को ये एडवाइजरी जारी की गयी थी।सीएम ममता बनर्जी के जय हिंद और वंदे भारत के नारे को लेकर लगाए गए आरोपों पर राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने कहा कि 24 नवंबर को जारी राज्यसभा बुलेटिन-II में सांसदों को सदन में “जय हिंद” और “वंदे मातरम” जैसे नारे न लगाने की सलाह दी गई है.
यह सलाह 2005 से संसदीय बुलेटिनों का हिस्सा रही है, जब यूपीए सत्ता में थी. यह सलाह पिछले 20 सालों से सांसदों को जारी की जा रही है।SIR पर भी ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के पीछे असली मंशा राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) है. संविधान दिवस के अवसर पर रेड रोड स्थित बी. आर. आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि आजादी के इतने सालों बाद भी लोगों की नागरिकता पर सवाल उठाया जा रहा है. इससे पहले, उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जब लोकतंत्र दांव पर हो, धर्मनिरपेक्षता ‘‘खतरे में हो” और संघवाद को ‘‘ध्वस्त किया जा रहा हो”, तो लोगों को संविधान द्वारा प्रदत्त मूल्यवान मार्गदर्शन की रक्षा करनी चाहिए।

SIR और BLO की मौत पर ममता बनर्जी ने कहा कि इस बारे में वह कुछ नहीं कह सकतीं. उनके पास पूरा रिकॉर्ड है कि किसने आत्महत्या की है और कौन ट्रॉमा से मरा. कई लोग अभी भी आत्महत्या कर रहे हैं. गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में BLO की मौत के लिए कौन ज़िम्मेदार है. उन्होंने पूछा कि इसे इतनी जल्दी लागू करने की क्या ज़रूरत थी. वे BLO को धमकी देते हैं कि उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा और उनकी नौकरी छीन ली जाएगी. मैं आपसे पूछना चाहती हूं, आपकी नौकरी कब तक रहेगी. लोकतंत्र रहेगा लेकिन आपकी नौकरी नहीं रहेगी।
