उपराष्ट्रपति के लिए कब कौन मारा बाजी,पढ़िए पूरी इनसाइड कहानी

 उपराष्ट्रपति के लिए कब कौन मारा बाजी,पढ़िए पूरी इनसाइड कहानी
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उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ द्वारा अचानक इस्तीफा दिए जाने के बाद सियासी हलचल मची हुई है। अब सारी निगाहें नए उपराष्ट्रपति के चेहरे पर टिकी हुई हैं। देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए अब तक 16 चुनाव हुए हैं और केवल चार बार ही उम्मीदवार निर्विरोध जीत सके जबकि दो चुनावों में बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिला। सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1952 से 1962 तक दो बार उपराष्ट्रपति रहे और वह दोनों बार चुनावों में निर्विरोध विजयी रहे। 1952 के चुनाव में, आंध्र प्रदेश के जनाब शेख खादिर हुसैन ने नामांकन दाखिल किया था लेकिन उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया, जिससे राधाकृष्णन एकमात्र उम्मीदवार रह गए। वर्ष 1979 में प्रसिद्ध न्यायविद और भारत के पूर्व चीफ जस्टिस मोहम्मद हिदायतुल्लाह निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुने गए। हिदायतुल्लाह को चीफ जस्टिस, उपराष्ट्रपति और कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने का अनूठा गौरव प्राप्त है।

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चीफ जस्टिस के रूप में, हिदायतुल्लाह ने 1969 में एक महीने तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम किया, जब वी.वी.गिरि ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए कार्यवाहक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। तीन मई, 1969 को तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद, गिरि ने कार्यवाहक राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला। 1987 में महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल शंकर दयाल शर्मा ने उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्विरोध जीता। नौवें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 27 लोगों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने केवल शर्मा के आवेदन को ही वैध पाया।उसके बाद 1992 में अगले उपराष्ट्रपति चुनाव में के.आर.नारायणन को 701 मतों में से 700 मत मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी काका जोगिंदर सिंह ‘धरती पकड़’ को केवल एक वोट मिला। चुनाव में कुल 711 मत पड़े जिनमें से 10 अवैध पाए गए। उपराष्ट्रपति चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला सिर्फ 2007 में देखा गया जब यूपीए उम्मीदवार एम.हामिद अंसारी का मुकाबला एनडीए प्रत्याशी नजमा हेपतुल्लाह और तीसरे मोर्चे के उम्मीदवार रशीद मसूद से था। उस चुनाव में कुल 790 मतदाताओं में से 762 ने अपने मत डाले, जिनमें से 10 अवैध पाए गए। वैध 752 मतों में से अंसारी को 455, हेपतुल्ला को 222 और मसूद को 75 मत मिले। 1962 उपराष्ट्रपति चुनाव वर्ष 1962 में, जाकिर हुसैन ने एन सी सामंतसिंह के विरुद्ध 554 मतों से उपराष्ट्रपति का चुनाव जीता। 745 सदस्यीय निर्वाचक मंडल में से 596 सदस्यों ने अपने मत डाले, जिनमें से 14 अवैध पाए गए। 1967 उपराष्ट्रपति चुनाव वर्ष 1967 में, वी वी गिरि ने प्रोफेसर हबीब को पराजित कर उपराष्ट्रपति चुनाव जीता। 1969 उपराष्ट्रपति चुनाव 1969 में जी एस पाठक पांच उम्मीदवारों को हराकर उपराष्ट्रपति बने। उस वर्ष राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए गिरि के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के कारण चुनाव कराया गया। 1974 उपराष्ट्रपति चुनाव 1974 में बी.डी.जट्टी ने एन.ई.होरो को हराकर उपराष्ट्रपति चुनाव जीता। जट्टी को 521 जबकि होरो को 141 वोट मिले। 1984 उपराष्ट्रपति चुनाव वर्ष 1984 में, आर.वेंकटरमन ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीता। उन्हें 715 वैध मतों में से 508 मत मिले। उन्होंने बापू चंद्रसेन कांबले को हराया। 1987 उपराष्ट्रपति चुनाव 1987 में वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए पद छोड़ दिया और उस वर्ष हुए चुनाव में शंकर दयाल शर्मा उपराष्ट्रपति चुने गए। 1997 उपराष्ट्रपति चुनाव 1997 में कृष्णकांत ने उपराष्ट्रपति चुनाव में सुरजीत सिंह को हराया। कृष्णकांत को 441 जबकि सिंह को 273 वोट मिले। 2002 उपराष्ट्रपति चुनाव भाजपा नेता भैरों सिंह शेखावत ने 2002 के उपराष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार सुशील कुमार शिंदे को हराया। शेखावत को 759 वैध मतों में से 454 वोट मिले जबकि शिंदे को 305 वोट मिले। 2007 उपराष्ट्रपति चुनाव 2007 में एम हामिद अंसारी ने उपराष्ट्रपति चुनाव जीता और 2012 में तत्कालीन संप्रग सरकार ने उन्हें फिर से उम्मीदवार मैदान में उतारा। वर्ष 2012 में अंसारी ने भाजपा उम्मीदवार जसवंत सिंह को 490 वोटों से हराया। 2017 उपराष्ट्रपति चुनाव 2017 में भाजपा नेता एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस नीत संप्रग के गोपालकृष्ण गांधी को हराया। नायडू को 760 वैध मतों में से 516 वोट जबकि गोपालकृष्ण गांधी को 244 वोट मिले। 2022 उपराष्ट्रपति चुनाव वर्ष 2022 में, एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नीत यूपीए उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया। धनखड़ को 528 वोट जबकि अल्वा को 182 वोट मिले।

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