निरस्त हुआ लेटरल एंट्री तो कांग्रेस ने थपथपाई अपनी पीठ,बोली-राहुल गांधी के वजह से झुंकी सरकार
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं के विरोध के कारण ही केंद्र सरकार को ‘लेटरल एंट्री’ से संबंधित विज्ञापन को निरस्त करने का निर्णय लेना पड़ा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा किया कि कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा इस संदर्भ में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रमुख प्रीति सूदन को जो पत्र लिखा गया है उस पर तारीख का उल्लेख नहीं है जो इस ‘दयनीय शासन’ का प्रमाण है। बता दें कि जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी प्रमुख को पत्र लिखकर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये भर्ती से जुड़े विज्ञापन को निरस्त करने के लिए कहा है।जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘यह (लेटरल एंट्री की वापसी) साफ तौर पर लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष के नेताओं और अन्य नेताओं की आलोचना का प्रभाव है।’ सरकार के यूटर्न पर कांग्रेस ने अपनी पीठ थपथपाई है।
पार्टी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘संविधान की जीत हुई। मोदी सरकार लेटरल एंट्री में बिना आरक्षण के भर्ती की साजिश कर रही थी, लेकिन अब इस फैसले को वापस लेना पड़ा है। एक बार फिर मोदी सरकार को संविधान के आगे झुकना पड़ा है। आरक्षण विरोधी इस फैसले का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और ‘इंडिया’ गठबंधन ने खुलकर विरोध किया। इसकी वजह से मोदी सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा है। यह बाबासाहेब के संविधान की जीत है। यह दलित, शोषित, पिछड़ों की जीत है। जय संविधान।’