व्लादिमीर पुतिन 4 साल बाद आने वाले है भारत दौरे पर,जानिए उनकी यात्रा विवादों में क्यों है?

 व्लादिमीर पुतिन 4 साल बाद आने वाले है भारत दौरे पर,जानिए उनकी यात्रा विवादों में क्यों है?
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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पूरे 4 साल बाद भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. पुतिन 4 से 5 दिसंबर तक भारत का दौरा करेंगे. वो 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. यह राजकीय दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रहा है. पिछले कुछ महीनों में भारत-रूस के रिश्ते और मजबूत हुए हैं.अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने मार्च 2023 में यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के आरोप में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. लेकिन, इस वारंट के बीच पुतिन भारत की यात्रा कर रहे हैं. चलिए जानते हैं कि क्या यह वारंट भारत पर लागू होता है? क्या नई दिल्ली रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए बाध्य है? इसका जवाब है नहीं.निदरलैंड्स के हेग में मौजूद अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) एक वैश्विक अदालत है, जिसके पास दुनिया के नेताओं और अन्य व्यक्तियों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर में सबसे गंभीर अपराधों के लिए मुकदमा चलाने की ताकत है.

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यह जनसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और आक्रमण जैसे आरोपों की जांच करता है और जरूरत पड़ने पर मुकदमा भी चलाता है.ICC की स्थापना साल 2002 में हुई थी. मार्च 2023 में अदालत ने पुतिन के खिलाफ कथित युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. लेकिन, गिरफ्तारी वारंट के बावजूद, पुतिन को किसी दूसरे देश में हिरासत में लिए जाने की संभावना बहुत कम है.रूस और यूक्रेन दोनों ही ICC के सदस्य (signatories) नहीं हैं. वारंट जारी होने के बाद, क्रेमलिन के प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा, रूस, कई अन्य देशों की तरह, इस अदालत के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता. साथ ही कहा था कि कानूनी तौर पर इस अदालत के किसी भी फैसले का रूसी संघ के लिए कोई महत्व नहीं है.ICC को 124 देशों ने मंजूर किया है. लेकिन, भारत ICC का हिस्सा नहीं है और न ही नई दिल्ली ने इस मुख्य समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इसलिए, भारत इसकी शर्तों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है.भारत पहले भी ऐसे नेताओं की मेजबानी कर चुका है जिनके खिलाफ ICC की कार्रवाई चल रही थी. 2015 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर हसन अल-बशीर भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने नई दिल्ली आए थे. वो पहले ऐसे मौजूदा राष्ट्राध्यक्ष हैं जिन्हें ICC ने दारफुर में नागरिक आबादी पर हमले करवाने के आरोप में अभियुक्त ठहराया था.राष्ट्रपति पुतिन 6 रूट से भारत आ सकते हैं. मॉस्को के शेरेमेत्येवो एयरपोर्ट से दिल्ली इंदिरा गांधी एयरपोर्ट तक जिन रूट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है आईए उन पर नजर डालते हैं.रूट नंबर 1- पुतिन रूस से विया तेहरान भारत आ सकते हैं.रूट नंबर 2- पुतिन रूस से अजरबैजान के बाकु के जरिया भारत आ सकते हैं.रूट नंबर 3- पुतिन काबुल के रास्ते भारत आ सकते हैं.रूट नंबर 4-पुतिन इसी के साथ डायरेक्ट रूट से भी भारत आ सकते हैं.रूट नंबर 5- वो उज्बेकिस्तान के ताशकंद से दिल्ली आ सकते हैं.रूट नंबर 6- पुतिन कजाखस्तान के अल्माटी से भारत आ सकते हैं.

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