जम्मू कश्मी में पर्यटन उद्योग ठप हो गया है,पाकिस्तान ने जानबूझकर कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछाला है,खूब बोले सीएम उमर

 जम्मू कश्मी में पर्यटन उद्योग ठप हो गया है,पाकिस्तान ने जानबूझकर कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछाला है,खूब बोले सीएम उमर
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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पर्यटन को बड़ा झटका लगा है. इसको लेकर सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि सालों की मेहनत एक हमले में खराब कर दी. जो तैयारी हमने कई सालों में की थी वो सब चौपट हो गई है. सीएम ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश की है.जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान ने जानबूझकर कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछाला है. जिससे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कश्मीर के मुद्दे को फिर से उठाने का मौका मिल गया है. उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले ने कई सालों की मेहनत को बर्बाद कर दिया है, जिसके तहत कश्मीर में पर्यटन और शांति बहाली की कोशिश की जा रही थी.सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम हमला ऐसे समय में हुआ जब कश्मीर के पर्यटन उद्योग ने सालों बाद रफ्तार पकड़ी थी, लेकिन अब सब कुछ पहले की तरह ही फिर से ठहर गया है. उन्होंने कहा कि अब इस समय हम एक ऐसे मोड़ पर आ गए हैं, जिसके बारे में हमने कभी नहीं सोचा था कि फिर लौटेंगे.

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यहां फिर से खूनखराबा है, पीड़ा है, उथल-पुथल है. सब कुछ बदल गया है, लेकिन कुछ भी नहीं बदला है.मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर मामले पर कहा कि पाकिस्तान ने जानबूझकर ही कश्मीर मुद्दे को इंटरनेशनल स्टेज पर लाने की कोशिश की है. मैं भले ही कह रहा हूं कि कुछ नहीं बदला है. इसके बाद भी साफ है कि पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर के मुद्दे को इंटरनेशनल बनाने में सफलता हासिल कर ली है. इस पूरी मध्यस्थता में अमेरिका खुद को जबरन शामिल कर रहा है, तो वहीं कश्मीर को लेकर भी बात कर रहा है.बता दें कि बीते दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीजफायर पर दोनों देशों को बधाई दी थी. इसके साथ ही कहा था कि अमेरिका पूरी कोशिश करेगा कि सालो चले आ रहे कश्मीर मुद्दे का कोई हल निकाला जा सके.उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हर साल इस समय पूरी कश्मीर घाटी पर्यटकों से भरी रहती थी. इसके कारण हमारी अर्थव्यवस्था और लोगों का जीवन आसान होता था. उन्होंने कहा कि अगर ये पहलगाम का हमला न होता तो बच्चे स्कूलों में होते, एयरपोर्ट पर हर दिन 50-60 फ्लाइट्स उतरती. घाटी खाली और वीरान न रहती. एक हमले के बाद से ही स्कूल बंद हैं, हवाई अड्डा और एयरस्पेस दोनों बंद हैं.

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