इस ऐप के जरिए टूरिस्ट तक पहुंचने में सफल हो पाए थे वो लोग,हुआ बड़ा खुलासा!

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद आतंकियों तक पहुंच के लिए जांच एजेंसियों ने अपनी जांच शुरू कर दी है. हमले को लेकर लगातार नए खुलासे भी हो रहे हैं. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि इन आतंकवादियों के पास एक खास मोबाइल ऐप था जिसका इस्तेमाल कर ये पहलगाम के घने जंगलों से होते हुए बैसरन इलाके तक पहुंचने में कामयाब रहे. यहीं पर आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को गोली मार दी. हमले में 28 लोगों की जान चली गई।खुफिया सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आतंकवादियों ने पहलगाम के घने जंगलों में टूरिस्ट स्पाट तक पहुंचने के लिए अल्पाइन क्वेस्ट ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल किया था. इससे पहले जम्मू के जंगलों में भी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों ने इस ऐप का इस्तेमाल किया था।सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से उस ऐप की ट्रैकिंग की भी गई जिससे बचने के लिए आंतकवादियों ने इसका इस्तेमाल पहलगाम के जंगलों में किया गया. सूत्रों के मुताबिक आतंकवादी इस इंक्रिप्टेड एप्लीकेशन के जरिए उस टूरिस्ट स्पॉट पर पहुंचने में कामयाब रहे जहां पर पर्यटकों की बहुत ज्यादा भीड़ थी।आतंकी हमले के बाद इस मामले की जांच कर रही जांच एजेंसियों के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसी की ट्रैकिंग से बचने के लिए पाकिस्तानी सेना ने इनकी मदद की थी. पाकिस्तान सेना की शह पर बाकायदा इस मोबाइल ऐप को तैयार किया गया था।यही नहीं मोबाइल ऐप बनाने के बाद इसके इस्तेमाल को लेकर बाकायदा ट्रेनिंग भी दी गई.

आतंकवादियों को इस ऐप का कैसे इस्तेमाल करना है इसकी पेशेवर ट्रेनिंग बॉर्डर पार उनके हैंडलर की ओर से दी गई. खास बात यह है कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सारे आतंकियों को भी इस ऐप को चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी।इससे पहले खुफिया एजेंसियों को यह जानकारी हाथ लगी थी कि पहलगाम हमला लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की साझी साजिश है. ये आतंकी संगठन पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर छोटे-छोटे ‘हिट स्क्वॉड’ का इस्तेमाल कर आतंकी हमले कर रहे हैं।