बिहार में बीजेपी ऐसे करेगी अपने उम्मीदवारों का चयन,दर्जनों विधायकों के कटेंगे टिकट

बीजेपी अगले महीने होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बड़े स्तर पर विधानसभा प्रत्याशी बदलने की तैयारी में है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार चुनाव में करीब 15-20 सीटिंग विधायकों का टिकट काटा जा सकता है. साथ ही 2020 के विधानसभा चुनाव में हार का सामना कर चुके लगभग 13 उम्मीदवारों को भी दोबारा मौका नहीं मिलेगा. यानी कुल मिलाकर पिछले चुनाव से इस बार के चुनाव में करीब 30 से 35 फीसदी सीटों पर नए चेहरे मैदान में उतारे जा सकते हैं. इस बार बीजेपी ने नए, साफ सुथरे और युवा उम्मीदवारों के सहारे विधानसभा चुनाव में एंटी इंकम्बेंसी को कम करने की रणनीति बनाई है.सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार पार्टी ने टिकट कटौती के लिए कई मापदंड तय किए हैं.

जानकारी के अनुसार बिहार में बीजेपी के 6 मौजूदा विधायक ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 साल से ऊपर है. 2020 के चुनाव में 6 सीटों पर जीत-हार का अंतर 3,000 वोटों से भी कम रहा, जबकि 8 सीटों पर यह अंतर 2,000 वोट से नीचे था. वहीं, 13 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी 11,000 से अधिक वोटों से हार गए थे. ऐसे मामलों में बदलाव लगभग तय माना जा रहा है.हर बार की तरह बीजेपी प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया बेहद सतर्कता के साथ की जा रही है. बीजेपी की कार्यशैली और तौर-तरीकों के अनुसार हर एक विधानसभा सीट से करीब 4-5 संभावित नाम मंगवाए जा रहे हैं. इन नामों पर राज्य की चुनाव समिति चर्चा कर अंतिम रूप से 2-3 नामों का विकल्प दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजा भेजेगी. खास बात ये है कि उम्मीदवार तय करने से पहले संगठन सर्वे रिपोर्ट, जिलाध्यक्षों का फीडबैक और पिछले चुनावों के प्रदर्शन जैसे मानकों को तवज्जो देगा. पार्टी सूत्रों का कहना है कि दो दिन बाद गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान इस मुद्दे पर बारीकी से विचार होगा.एंटी इंकम्बेंसी की काट में जिताऊ उम्मीदवार पर फोकसबीजेपी संगठन के महत्वपूर्ण लोगों का मानना है कि उम्र, प्रदर्शन और सक्रियता जैसे मानकों पर ही टिकट का फैसला होगा. पार्टी की स्पष्ट सोच है कि जरूरत के हिसाब से प्रत्याशियों को बदला जाएगा, लेकिन सबके केंद्र में एक ही सोच है, वह जिताऊ उम्मीदवार का चयन है. यही वजह है कि मौजूदा विधायकों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और एंटी इंकम्बेंसी को तोड़ने के लिए युवा और नए चेहरों को प्राथमिकता दी जा रही है.अमित शाह की समीक्षात्मक बैठकचुनावी तैयारियों और टिकट वितरण की रणनीति पर ऊपरी स्तर पर मंथन भी शुरू हो चुका है. शनिवार को पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा पटना पहुंचे और कोर कमिटी की बैठक में समीक्षा की. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 18 और 27 सितंबर को पटना में क्षेत्रीय बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. पार्टी ने बिहार को पांच जोन में बांटा है और इन्हीं बैठकों में प्रत्याशियों की स्क्रूटिनी को आगे बढ़ाया जाएगा. पार्टी सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्री अमित शाह बिहार में लगातार जोनल सांगठनिक बैठक करने जा रहे हैं. इन बैठकों में इलाके की चुनावी गणित और विधानसभा के उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा करेंगे.