बिहार में फिलहाल नहीं होगा विधानसभा चुनाव,तेजस्वी के बयान से बढ़ी सरगर्मी

 बिहार में फिलहाल नहीं होगा विधानसभा चुनाव,तेजस्वी के बयान से बढ़ी सरगर्मी
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बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ‘चुनाव बहिष्कार’ पर बयान देकर न केवल सूबे की सियासत को गरमा दिया है, बल्कि देश की राजनीति में भी एक नई बहस को जन्म दे दिया है. अब तक किसी भी राज्य में कभी भी पूर्ण रूप से चुनाव बहिष्कार नहीं हुआ है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या ये संभव है? वहीं अगर ऐसा हो जाता है तो इससे आगामी विधानसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?मतदाता सूची संशोधन लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और वाम दलों की सभी पार्टियों लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. हालांकि सरकार ने एसआईआर के मुद्दे पर बहस करने की सहमति दे दी थी लेकिन इसके बावजूद महागठबंधन की तरफ से हंगामा जारी रहा.

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ऐसे में तेजस्वी यादव ने आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कह दिया कि अगर सरकार एसआईआर के मसले पर अपनी राय स्पष्ट नहीं करती है तो अपनी सहयोगी दलों से चर्चा करके चुनाव बहिष्कार करने पर विचार कर सकते हैं।पिछले 75 साल की चुनावी प्रक्रिया को देखें तो बिहार में कभी भी चुनाव बहिष्कार जैसा मसला नहीं आया. यह पहली दफा है, जब तेजस्वी यादव ने चुनाव बहिष्कार का मुद्दा उठाया है. हालांकि जानकर यह बताते हैं कि कुछ नक्सली संगठन जब बिहार-झारखंड एक साथ था तो चुनाव बहिष्कार का ऐलान करते थे लेकिन, वह चुनावी प्रक्रिया में शामिल नहीं होते थे. राजनीतिक रूप से उन्हें कोई मान्यता नहीं थी. इसलिए बहिष्कार को बहुत गंभीरता से नहीं लिया जा सकता है।असल में SIR पर सवाल उठाते हुए तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची संशोधन के नाम पर विपक्ष के मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही हुआ तो वह चुनाव बहिष्कार पर विचार कर सकते हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह इसको लेकर तमाम सहयोगी दलों से बातकर फैसला लेंगे।तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार का समर्थन करते हुए आरजेडी के वरिष्ठ नेता और विधायक रामानुज प्रसाद बताते हैं कि यह संभव है. हमारी बात यदि नहीं मानी जाती है और मतदाताओं का अहित होता है तो हम लोग मतदाता के बीच में जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी जब से आए हैं, लोकतंत्र खत्म हो चुका है. वे कहते हैं कि वोट तंत्र बचा था लेकिन वोट के अधिकार को भी गरीबों से छीना जा रहा है, जो हम लोग नहीं होने देंगे।तेजस्वी यादव के चुनाव बहिष्कार की मंशा पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष द्वंद में हैं. कभी चुनाव आयोग का विरोध करते हैं तो कभी मतदाता सूची पुनरीक्षण का. वहीं अब तो चुनाव बहिष्कार की बात करने लगे हैं. वे तंज कसते हुए कहते हैं कि असल में आरजेडी और महागठबंधन के नेताओं को समझ में आ गया कि उनलोगों की हार तय है, इसलिए बहाने खोज रहे हैं।संविधान के अनच्छेद 324 के तहत निर्वाचन आयोग को निर्वाचक नामावली के रख-रखाव और तथा स्‍वतंत्र एवं निष्‍पक्ष रूप से निर्वाचनों के संचालन का अधिकार है. अनुच्‍छेद 324 में उपबंध में लोकसभा और प्रत्‍येक राज्‍य की विधानसभा के निर्वाचन वयस्‍क मताधिकार के आधार पर होंगे. अनुच्छेद 324 के अधीन राष्ट्रपति पद का भी चुनाव कराने का अधिकार भारत निर्वाचन आयोग में निहित है. राजनीतिक दलों की ओर से ‘बहिष्कार’ पर चुनाव प्रक्रिया को रोकने का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में अगर महागठबंधन वोट बहिष्कार का ऐलान करता है तो भी विधानसभा का चुनाव हर हाल में होंगे।

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