6 साल में ही महिला अफसर की खुल गई पोल,90 लाख रुपये नकद और 1 करोड़ रुपये से ज्यादा के गहने हुए बरामद

 6 साल में ही महिला अफसर की खुल गई पोल,90 लाख रुपये नकद और 1 करोड़ रुपये से ज्यादा के गहने हुए बरामद
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असम में सिविल सेवा अधिकारी नूपुर बोरा पर गंभीर आरोप लगे हैं. बोरा पर आरोप है कि उन्होंने बारपेटा जिले में तैनाती के दौरान हिंदू परिवारों की जमीन गैरकानूनी तरीके से मुसलमानों को दिलवाई. इस मामले ने राज्य में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है और अब मुख्यमंत्री विशेष सतर्कता टीम ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.नूपुर बोरा 2019 बैच की असम सिविल सेवा (ACS) अधिकारी हैं. वह अब तक कई जिलों में सेवा दे चुकी हैं. बारपेटा और कार्बी आंगलोंग में भी वह सर्कल ऑफिसर के तौर पर काम कर चुकी हैं. हाल ही में उनका नाम लगातार विवादों में रहा है।

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बारपेटा में तैनाती के समय बोरा पर आरोप लगा कि उन्होंने करोड़ों रुपये की जमीन के दस्तावेज अवैध रूप से ट्रांसफर किए. कहा जा रहा है कि सरकारी और सत्रा (धार्मिक ट्रस्ट) की जमीन भी संदिग्ध लोगों के नाम कर दी गई. इनमें ज्यादातर जमीनें हिंदुओं की थीं, जिन्हें कथित तौर पर मुसलमानों के नाम पर कर दिया गया. यही वजह है कि मामला और भी संवेदनशील हो गया है।मुख्यमंत्री की विशेष विजिलेंस टीम ने नूपुर बोरा के घर छापा मारा. छापे में करीब 90 लाख रुपये नकद और 1 करोड़ रुपये से ज्यादा के सोने के गहने बरामद किए गए. कुल बरामदगी लगभग 2 करोड़ रुपये आंकी गई. फिलहाल बोरा पुलिस हिरासत में हैं और पूछताछ चल रही है।विजिलेंस टीम ने बोरा से जुड़े अधिकारियों के घरों पर भी दबिश दी है. बाघबर राजस्व सर्कल से जुड़े लाट मंडल सूरजित डेका के घर से भी कई दस्तावेज मिले हैं. डेका पर आरोप है कि उन्होंने बोरा की मदद से बारपेटा में कई जमीनें खरीदीं.मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि भ्रष्टाचार और गैरकानूनी जमीन ट्रांसफर किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बोरा पर पिछले छह महीने से नजर रखी जा रही थी. सरकार का कहना है कि जांच पूरी होने तक किसी भी आरोपी को राहत नहीं मिलेगी।

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