महागठबंधन ने कर लिया फैसला,ओवैसी को दिखाया बाहर का रास्ता!

 महागठबंधन ने कर लिया फैसला,ओवैसी को दिखाया बाहर का रास्ता!
Sharing Is Caring:

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ओवैसी की पार्टी को बड़ा झटका लगा है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस-राजद नेतृत्व और महागठबंधन ने फैसला किया कि ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन नहीं होगा. कुछ दिन पहले ओवैसी की पार्टी ने बिहार में महागठबंधन के नेताओं को पत्र लिखकर महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी.सूत्रों के मुताबिक, राजद और कांग्रेस नेतृत्व ने किसी साम्प्रदायिक दल के साथ समझौता नहीं करने का फैसला किया है. तय हुआ है कि अगर तीसरा मोर्चा बनता है तो वो सिर्फ बीजेपी की बी टीम की तर्ज पर उसे फायदा देने के लिए. ये बात महागठबंधन जनता के बीच ले जाएगा.

1000552438

ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने हाल ही में लालू यादव को पत्र लिखकर महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी लेकिन वहां से कोई पॉजिटिव प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसके बाद ओवैसी की पार्टी ने बिहार में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी अब तीसरे मोर्चे की तलाश करेग और बिहार के सीमांचल क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगी.ओवैसी की पार्टी ने सोमवार को साफ कर दिया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं होगी. उन्होंने कहा कि अब एकतरफा मोहब्बत नहीं चलेगी. उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे थे और गठबंधन नहीं चाहता कि गरीबों और दबे-कुचले वर्गों का कोई नेता उभरे.इसके अलावा ओवैसी ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को ‘बैक डोर NRC’ करार दिया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग के पास नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं है. उन्होंने इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी और जल्दबाजी की आलोचना की.बिहार में AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव को चिट्ठी लिखी थी. इसमें एआईएमआईएम को महागठबंधन में शामिल करने का आग्रह किया था. इस चिट्ठी में कहा गया था कि आप इस बात से बखूबी अवगत है कि 2015 से बिहार की राजनिति में AIMIM पार्टी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है.ईमान ने आगे लिखा कि पार्टी का पहले ही दिन से प्रयास रहा है कि चुनाव क समय सेक्युलर वोटो का बिखराव ना हो. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सेक्युलर वोटों के बिखराव के कारण ही साम्प्रदायिक शक्तियों को सत्तासीन होने का अवसर मिलता है.चिट्ठी में आगे कहा गया था कि हमने पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के समय महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन हमारा प्रयास सफल ना हो सका. साल 2025 विधानसभा का चुनाव हमारे सामने है, इसलिए एक बार फिर हमारी इच्छा है कि AIMIM पार्टी को महागठबंधन में शामिल किया जाए. यदि हम सब मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ते हैं तो मुझे पूरा विश्वास है कि सेक्युलर वोटों के बिखराव को रोकने में सफल हो सकेंगे और बिहार की अगली सरकार महागठबंधन की ही बनेगी।

Comments
Sharing Is Caring:

Related post