भारत सरकार जिस कंपनी को बेचना चाहती थी उस कंपनी ने अब सरकार को कर दिया मालेमाल

 भारत सरकार जिस कंपनी को बेचना चाहती थी उस कंपनी ने अब सरकार को कर दिया मालेमाल
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भारत सरकार की एक कंपनी जो पिछले साल घाटे पर घाटा दे रही थी. सरकार भी उसे बेचकर मुक्त होना चाहती थी. उसे बेचने के कई प्लान बनाए गए, लेकिन बात नहीं बनी. अब वही कंपनी सरकार को मुनाफे पर मुनाफा कमाकर दे रही है. स्थिति ये है कि जुलाई से सितंबर यानी सिर्फ तीन में महीने में कंपनी ने 8,501 करोड़ रुपए का प्रॉफिट कमाया है.यहां बात हो रही है भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) की. सरकार ने इस कंपनी के विनिवेश की कई कोशिश कीं, लेकिन अब ये कंपनी प्रॉफिटेबल हो गई है.पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर अवधि में कंपनी को 304 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

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अब साल भर में ही उसका प्रॉफिट जबरदस्त बढ़ा है. इतना ही नहीं इस साल अप्रैल-जून अवधि में भी कंपनी ने 10,550.88 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया है.इस साल जबकि अप्रैल-सितंबर की छमाही में उसका प्रॉफिट 19,052 करोड़ रुपये रहा है. पिछले साल अप्रैल-सितंबर में 6,611 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, देश की दूसरी सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी है. ये पेट्रोलियम की रिटेलिंग के साथ-साथ रिफाइनिंग के बिजनेस में भी है. ये भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत काम करती है. फॉर्च्यून ने 2020 में दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी कंपनियों की लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में उसका नंबर 309 था.भारत सरकार ने इसके विनिवेश को 2019 में मंजूरी दी थी. सरकार ने कंपनी में अपनी 52.98% हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं. भारत पेट्रोलियम को बेचने से पहले सरकार ने इसके बिजनेस का एकीकरण भी किया.भारत पेट्रोलियम देशभर में करीब 20,000 पेट्रोल पंप चलाती है. जबकि मुंबई, कोच्चि, बीना में कंपनी पेट्रोलियम रिफाइनरी ऑपरेट करती है. इतना ही नहीं भारत पेट्रोलियम की मूल कहानी आजादी से काफी साल पहले शुरू होती है, जब उसका नाम बुरमाह-शेल ऑयल स्टोरेज कंपनी होता था।

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