वक्फ कानून पर सीरियस दिखी सुप्रीम कोर्ट,केंद्र सरकार को अब देना होगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र को वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया. सुनवाई के दौरान केंद्र ने अदालत को यह भी बताया कि गैर-मुस्लिमों को केंद्रीय या स्टेट वक्फ बोर्डों में नियुक्त नहीं किया जाएगा।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र द्वारा दिए गए आश्वासन को दर्ज किया और कहा कि सुनवाई की अगली तारीख तक, किसी भी वक्फ संपत्ति को डिनॉटिफाई नहीं किया जाएगा और न ही उनके कैरेक्टर में कोई बदलाव किया जाएगा. इसमें घोषित और वक्फ बाय यूजर के रूप में रजिस्टर संपत्तियां शामिल है।

संपत्तियों की स्थिति को लेकर राहतयह आश्वासन जांच के दायरे में आने वाली वक्फ संपत्तियों, विशेष रूप से वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत पंजीकृत संपत्तियों की स्थिति के संबंध में अस्थायी राहत प्रदान करता है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) ने जोर देकर कहा कि पंजीकृत कोई भी वक्फ संपत्ति वक्फ संपत्ति को इस अवधि के दौरान छेड़ा नहीं जा सकता है।इसके अतिरिक्त केंद्र ने अदालत को सूचित किया कि वह अंतरिम अवधि में केंद्रीय वक्फ काउंसिल या विभिन्न वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्ति नहीं करेगा. यह कोर्ट की इस चिंता के जवाब में आया कि मामले के निर्णय के दौरान यथास्थिति बनाए रखी जाए।